नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते समय किसान के श्रम सहित उसके द्वारा किए गए प्रत्येक खर्च को ध्यान में रखा जाएगा। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में एक प्रमुख निर्णय लिया गया जिससे तहत सरकार ने किसानों को अधिसूचित फसलों की लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फैसला किया है।
मोदी ने कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना करते समय निवेश लागत पर विचार किया जाना चाहिए, इसमें श्रम, मशीन पर व्यय व जानवरों व बीज की लागत, उर्वरक, सिंचाई, भूमि राजस्व, पूंजी पर ब्याज, पट्टे की भूमि का किराया और किसान व उसके परिवार के श्रम की लागत शामिल है।
उन्होंने कहा कि किसानों की पर्याप्त आय सुनिश्चित करने के लिए कृषि विपणन सुधारों को बड़े स्तर पर शुरू किया जा रहा है। गांव के बाजारों को थोक बाजार व वैश्विक बाजार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने उत्पाद को बेचने के लिए किसानों को दूर नहीं जाना पड़े यह सुनिश्चित करने के लिए 22,000 गांव के बाजारों को कृषि उत्पाद बाजार समितियों (APMC) में उन्नत किया जा रहा है और इन्हें ई-नैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) मंच के साथ एकीकृत किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि इस तरह की प्रणाली विकसित की जा रही है कि किसान देश के किसी भी बाजार से जुड़ सकें।
किसानों की आय दोगुना करने पर दलवई समिति की अंतिम रिपोर्ट अगले महीने
किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के बारे में सुझाव देने के लिये केंद्र सरकार द्वारा गठित समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट अगले माह सौंप सकती है। समिति के अध्यक्ष अशोक दलवई ने यह जानकारी दी। दलवई समिति को अप्रैल 2016 में गठित किया गया था। समिति किसानों की2 015- 16 के आय स्तर को दोगुना करने के लिये पहले ही 14 खंड लिख चुकी है। इनमें किसानों की आय को सात वर्ष में वास्तविक रूप से दोगुना करने के लिये कई तरीके सुझाये गये हैं।
समिति ने कहा है कि किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए उनकी आय में सालाना 10.4 प्रतिशत वृद्धि की जरूरत है। दलवई ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट करीब करीब तैयार है। हम इसे अगले महीने सौंप देंगे।
उन्होंने कहा कि समिति की कुछ सिफारिशों पर पहले ही सरकार की तरफ से क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। उदाहरण के तौर पर इस साल को बजट में 22,000 ग्रामीण हाट के उन्नयन की घोषणा की गई है। इसके जरिये छोटे और सीमांत किसानों को संगठित बाजार ढांचे के साथ जोड़ने का काम किया जायेगा।
दलवई राष्ट्रीय वर्षाजल सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण (एनआरएए) के सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे, इस बीच समिति की कुछ सिफारिशों पर सरकार की तरफ से क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है।