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ई-कॉमर्स ने फूंकी इंडिया पोस्‍ट में नई जान, फास्‍ट डिलीवरी के लिए बना कंपनियों की पहली पसंद

भारत के ई-कॉमर्स सेक्‍टर में आया बूम अपनी पहचान जीवित रखने के लिए संघर्षरत सरकारी विभाग इंडिया पोस्‍ट के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह काम कर रहा है।

Dharmender Chaudhary
Published : January 14, 2016 7:43 IST
ई-कॉमर्स ने फूंकी इंडिया पोस्‍ट में नई जान, फास्‍ट डिलीवरी के लिए बना कंपनियों की पहली पसंद
ई-कॉमर्स ने फूंकी इंडिया पोस्‍ट में नई जान, फास्‍ट डिलीवरी के लिए बना कंपनियों की पहली पसंद

नई दिल्‍ली। भारत के ई-कॉमर्स सेक्‍टर में आया बूम अपनी पहचान जीवित रखने के लिए संघर्षरत सरकारी विभाग इंडिया पोस्‍ट के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह काम कर रहा है। दुनिया के सबसे बड़े मेल नेटवर्क वाले इंडिया पोस्‍ट को कैश-ऑन-डिलीवरी (सीओडी) कंसाइनजमेंट्स से मिलने वाला रेवेन्‍यू चालू वित्‍त वर्ष के पहले नौ माह में पिछले साल की तुलना में डबल हो गया है। रेवेन्‍यू ग्रोथ की पीछे मुख्‍य वजह ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्‍नैपडील से मिलने वाले कंसाइनमेंट्स में वृद्धि होना है।

भारत में ई-कॉमर्स का भविष्‍य काफी चमकदार दिखाई पड़ रहा है। इंडस्‍ट्री के जानकारों का अनुमान है कि 2020 तक ई-कॉमर्स मार्केट सालाना 50 फीसदी की दर से आगे बढ़ता रहेगा। 2014 में इंडिया पोस्‍ट तकरीबन 154,882 पोस्‍ट ऑफि‍स का संचालन कर रहा था। इनमें से 90 फीसदी पोस्‍ट ऑफि‍स ग्रामीण इलाकों में हैं। पोस्‍ट ऑफि‍स की यही सबसे बड़ी ताकत है, जो इसे अन्‍य लॉजिस्टिक कंपनियों से अलग बनाती है, उनकी पहुंच भारत के ग्रामीण इलाकों तक अभी भी सीमित है। यही वजह है कि बाकी लॉजिस्टिक्स प्लेयर्स पोस्ट ऑफिस का मुकाबला नहीं कर कर पा रहे हैं।

indiatvpaisa_Postal1  वित्त वर्ष 2015-16 के आंकड़े शुरुआती 9 महीने के हैं।

पेमेंट बैंक शुरु करने में मिलेगी मदद

पेमेंट बैंक लॉन्च करने की तैयारी कर रही इंडिया पोस्ट को रेवेन्यु बढ़ने से मदद मिलेगी। आरबीआई ने पिछले साल अगस्त में पोस्टल डिपार्टमेंट को पेमेंट बैंक का लाइसेंस जारी किया है। उम्मीद की जा रही कि मार्च 2017 में बैंक की शुरुआत हो जाएगी। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से डिपार्टमेंट रेवेन्‍यू के स्‍तर पर संघर्ष कर रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान पोस्‍टल डिपार्टमेंट को 5,475 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस दौरान इंडिया पोस्ट का कुल रेवेन्यु 10,730 करोड़ रुपए था, जबकि खर्च इससे कहीं ज्यादा हुआ था। इसके कारण डिपार्टमेंट को घाटा झेलना पड़ा है। अब ई-कॉमर्स से पोस्ट ऑफिस को अपनी वित्तीय हालात सुधारने में मदद मिल सकती है।

ई-कॉमर्स कंपनियों की पहली पसंद पोस्ट ऑफिस

इंडिया पोस्ट फिलहाल 400 से अधिक ऑनलाइन कंपनियों का पार्टनर है, जिसमें से अमेजन सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है। दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी यह माना है कि  इंडिया पोस्ट ई-कॉमर्स के लिए प्रीमियम कूरियर सर्विस है। प्रसाद ने कहा कि मार्च 2016 तक कैश-ऑन-डिलीवरी सर्विस से रेवेन्यु 1500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

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ऑनलाइन कंपनियों का ग्रामीण ग्राहक आधार तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में पोस्ट ऑफिस अच्छा विकल्प है। दरअसल पोस्ट ऑफिस की पहुंच गांव-गांव तक है, जिसके कारण ई-कॉमर्स कंपनियां अपना सामान ग्राहकों तक आसानी पहुंचा सकती हैं और इसके लिए अतिरिक्त खर्च करने की भी जरूरत नहीं है। देश में स्मार्टफोन और इंटरनेट तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण छोटे शहरों से क्वालिटी प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी है। वर्तमान में अमेजन को 50 फीसदी ऑर्डर टॉप आठ शहरों के बाहर से मिले हैं।

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