नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स का मानना है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दूरसंचार कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाया के भुगतान के लिए 10 साल का समय देने से वोडाफोन आइडिया को अपनी स्थिति स्थिर करने में मदद नहीं मिलेगी। हालांकि, इस दौरान ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी के जरिये जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी। फिच ने कहा कि मोबाइल दरों में अगले 12 माह में 20 प्रतिशत की एक और वृद्धि संभावित है। फिच रेटिंग्स ने कहा कि वोडाफोन आइडिया ने इक्विटी और कर्ज के रूप में धन जुटाने की योजना बनाई है। इससे कंपनी के प्रतिस्पर्धी स्थिति लौटने की संभावना नहीं है। न ही इससे कंपनी ग्राहकों की संख्या में हुए नुकसान की भरपाई कर पाएगी, क्योंकि यह राशि निवेश की दृष्टि से पर्याप्त नहीं होगी।
फिच की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि वोडाफोन आइडिया कमजोर बही खाते तथा वित्तीय मोर्चे पर लचीलेपन की कमी की वजह से धीरे-धीरे अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवाएगी। वहीं दूसरी ओर उच्च्चतम न्यायालय के फैसले की वजह से जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।’’ फिच ने कहा कि ग्राहक ऊंचे मूल्य के 4जी प्लान का विकल्प चुनेंगे। इससे उद्योग में शुल्क बढ़ेगा। फिच ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि अगले 12 से 18 माह के दौरान जियो और भारती एयरटेल की सामूहिक बाजार हिस्सेदारी मौजूदा के करीब 70 प्रतिशत से बढ़कर 75 से 80 प्रतिशत हो जाएगी। इन कंपनियों की यह हिस्सेदारी वोडाफोन आइडिया की कीमत पर बढ़ेगी। अगले 12 माह मे वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या में पांच से सात करोड़ की कमी आएगी। पिछली नौ तिमाहियों में वोडाफोन आइडिया ने करीब 15.5 करोड़ ग्राहक गंवाए हैं।’’ बयान में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया के हटने वाले ग्राहको में से आधे से अधिक रिलायंस जियो के पास जाएंगे। शेष भारती एयरटेल की ओर स्थानांतरित होंगे।