नई दिल्ली। मध्य पूर्व देशों में जैसे ही तनाव बढ़ता है क्रूड ऑयल की कीमतों तेजी आने लगती है और देश में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने चीजें सभी महंगी हो जाती है। लेकिन इस बार रुस के हवाई हमलों का असर क्रूड की कीमतों पर नहीं होगा और ना ही आपकी जेब चलेगी। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के बावजूद क्रूड ऑयल की कीमतें साढ़े 6 साल के निचले स्तर के आसपास बनी हुई हैं। एक्सपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल स्तर पर अभी भी डिमांड के मुकाबले सप्लाई ज्यादा है, जिसके कारण क्रूड के दाम में बड़ी तेजी की संभावना न के बराबर है। इससे आम से लेकर सरकार तक सबको राहत मिलेगी। क्रूड ऑयल की कीमतों में आई गिरावट से तेल आयात खर्च में 35 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
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ऑयल की कीमतों में नहीं आएगी तेजी
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया ने बताया कि दिसंबर में होने वाली पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) की बैठक से क्रूड ऑयल नया लो बना सकता है। केडिया ने कहा कि क्रूड की ओवर सप्लाई फिलहाल कम होने की संभावना बेहद कम है। ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल साढ़े 6 साल के निचले स्तर के आसपास बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी तेल उत्पादक देश अपने मार्केट शेयर को बचाने के लिए उत्पादन में कटौती करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि क्रूड में गिरावट जारी रह सकती है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की कोई संभावना नहीं है।
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रूस के हवाई हमले से बेअसर कच्चा तेल
एंजेल कमोडिटी के एवीपी अनुज गुप्ता ने बताया कि मध्य पूर्व में बढ़ती हिंसा से सप्लाई बाधित होने का कर था। इसके कारण क्रूड की कीमतों तेजी देखने को मिली। लेकिन बाजार को जैसे ही ओवर सप्लाई का अहसास हुआ कीमतें फिसल गई। सोमवार को तुर्की ने एक रूसी जेट को मार गिराया था। अपना फाइटर जेट गिराए जाने से बौखलाए रूस ने एक मिसाइल क्रूजर सीरिया के कोस्टर एरिया में रवाना कर दिया। इससे तनाव और बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। गुप्ता ने कहा कि ग्लोबल प्रोडक्शन और स्टॉक बहुत ज्यादा है। इसके चलते क्रूड ऑयल में तेजी नहीं आएगी।
20 डॉलर तक आ सकते हैं क्रूड के दाम
ओपेक ऑयल की कीमतों में आई गिरावट से वित्तीय तनाव झेल रहा है लेकिन उत्पादन में कटौती नहीं करने की रणनीति पर कायम है। वहीं, सऊदी अरब ने क्रूड ऑयल की कीमतें 20 डॉलर प्रति बैरल तक आने की आशंका जताई है। इसके बावजूद ओपेक देश उत्पादन में कटौती को तैयार नहीं हैं। ओपेक का कहना है कि अगर गैर-ओपेक देश (खासकर रूस) उत्पादन में कटौती को जारी हो जाता है तो हम अपनी रणनीति बदल सकते हैं। ग्लोबल मार्केट में फिलहाल ब्रेंट क्रूड 45 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 42 डॉलर के आसपास है।
डॉलर इंडेक्स 100 के करीब पहुंचा
दिसंबर में अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की पूरी संभावना है। इसके कारण प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर इंडेक्स में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। डॉलर इंडेक्स 100 के बेहद करीब पहुंच गया है, जो कि रिकॉर्ड स्तर है। इसकी वजह से कमोडिटी की कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों को देखते हुए फेड अगले महीने होने वाली बैठक में ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला कर सकता है।