नई दिल्ली। कश्मीर के ड्राइ फ्रूट्स (अखरोट, बादाम और केसर) इस बार फेस्टिव सीजन में महंगे हो सकते हैं। लंबे समय से घाटी में जारी तनाव के चलते बादाम के दाम एक महीने में 18 फीसदी बढ़कर 1,300 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। वहीं महंगे डॉलर के चलते बादाम, काजू, पिस्ता का इंपोर्ट महंगा हुआ है। कारोबारी बताते हैं कि अगर राजनीतिक खींचतान की वजह से सितंबर के अंत तक कटाई में तेजी नहीं आ पाई तो बादाम के दाम बढ़कर 1,700 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं।
बढ़ रही है कीमतें
खारी बावली के होलसेल कारोबारी सुधीर जग्गी ने paisa.khabarindiatv.com को बताया कि कश्मीर के अखरोट और बादाम की कीमत लगातार बढ़ रही है। साथ ही, कैलिफोर्निया और ईरान से भी अखरोट और बादाम का इंपोर्ट पहले से कुछ महंगा हो गया है। हालांकि, कैलिफोर्निया का अखरोट रिटेल मार्केट में 1,600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जबकि कश्मीर का अखरोट 2,200 रुपए प्रति किलो के भाव पर है। ईरान के अखरोट का दाम लगभग 2,200 रुपए प्रति किलोग्राम है।
खारी बावली के एक अन्य ट्रेडर्स अहमद खान का कहना है कि तंगधार और कुपवाड़ा जैसे प्रीमियम क्वॉलिटी का अखरोट पैदा करने वाले स्थानों से इसका ट्रांसपोर्ट नहीं हो पा रहा है क्योंकि जम्मू-श्रीनगर हाइवे पूरी तरह से बंद पड़ा है। अहमद ने बताया कि घाटी में बादाम का उत्पादन लड़खड़ा गया है और पिछले दो साल में इलाके में बाढ़ से उत्पादन पर और बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कटाई सितंबर अंत से शुरू होगी। उम्मीद है कि तब तक घाटी में शांति लौट आएगी।
बारिश से भी हो रहा नुकसान
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से केसर की फसल को भी नुकसान हुआ है। अगर बारिश लंबे वक्त तक जारी रही तो केसर के दाम मौजूदा दो लाख रुपए प्रति किलो से ऊपर जा सकते हैं। सबसे खराब स्थिति यह है कि कश्मीर घाटी में चल रहे तनाव से कैलिफोर्नियाई अखरोट और बादाम को डोमेस्टिक मार्केट में जगह बनाने में बड़ी मदद मिल रही है। ज्यादातर ड्राई फ्रूट सेलर्स अब कैलिफोर्निया के सूखे मेवों की लोकल मार्केट में सप्लाई कर रहे हैं। ईरान का बादाम भी भारतीय बाजार में जमकर आ रहा है।
तनाव से बढ़ी चिंताएं
कश्मीर में अखरोट की फसल में वसंत सीजन के खत्म होने पर मार्च और अप्रैल में फूल आना शुरू हो जाता है। इसके बाद फल तेजी से बढ़ता है लेकिन इसके पकने में वक्त लगता है। इसे तोड़ने का काम अगस्त के मध्य से शुरू हो जाता है और यह काम अक्टूबर मध्य तक चलता है।1979 से ड्राई फ्रूट और मसालों के कारोबार में लगी रॉयल कश्मीर कंपनी के मालिक अफरोज अहमद ने बताया कि हम अखरोट की कटाई को लेकर चिंतित हैं। घाटी में विवाद और तनाव से उत्पादक कटाई से दूर हैं। हालांकि, घाटी में विवाद और तनाव का बुरा असर अखरोट और बादाम के व्यापार पर पहले ही पड़ चुका है, लेकिन ट्रेडर्स को आशंका है कि दुनिया का सबसे महंगा मसाला माने जाने वाले केसर के उत्पादन पर भी बारिश के चलते बुरा असर पड़ सकता है।