नई दिल्ली। सरकार ने 10 और दवाओं के दाम घटा दिए हैं, जबकि पैरासिटामोल समेत आठ नई दवाओं को पहली बार कीमत नियंत्रण के अंतर्गत लाया गया है। 800 से अधिक प्रकार की दवाओं को सस्ता बनाने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है।
औषधि कीमत नियामक एनपीपीए ने एंटी-कोगुलेंट (खून में थक्के गलाने की दवा) एनोक्सापैरिन तथा मिरगी की दवा कारबामाजेपाइन समेत 10 दवाओं के दाम 4.8 फीसदी से लेकर 23.3 फीसदी तक कम किए हैं। वहीं दूसरी तरफ पैरासिटामोल तथा एंटीबायोटिक सेफाड्रोक्सि तथा सेकाजोलिन जैसी दवाओं को पहली बार कीमत नियंत्रण के दायरे में लाया गया है।
एनपीपीए के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने कहा, हम और दवाओं को कीमत नियंत्रण के दायरे में लाएंगे। कुल 800 से अधिक फॉर्मूलेशन को यथाशीघ्र कीमत नियंत्रण के दायरे में लाया जाएगा। इन 18 दवाओं के साथ सरकार अब तक 457 औषधियों को कीमत नियंत्रण के अंतर्गत ला चुकी है। जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची 2015 में करीब 900 दवाएं हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर वैट 1.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया
महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाला मूल्य वद्रि्धत कर (वैट)1.50 रुपए लीटर बढ़ा दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस उपाय से 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व सृजित होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने डीजल कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका कारण पड़ोसी राज्यों को राजस्व जाने की आशंका है। उप सचिव (वित्त) राजेन्द्र भगत ने कहा, अतिरिक्त राजस्व जुटाने के इरादे से यह कदम उठाया गया हैं सरकार ने मूल्यानुसार वैट लगाए जाने के बजाये वैट में रुपए के वृद्धि करने का फैसला किया।