नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग जल्द छह दूरसंचार ऑपरेटरों को 12,500 करोड़ रुपए की मांग का नोटिस भेजेगा। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने पाया है कि इन कंपनियों ने 2006 से 2010 के दौरान अपनी आमदनी को 46,000 करोड़ रुपए कम कर दिखाया है। दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, दूरसंचार विभाग छह ऑपरेटरों को 12,500 करोड़ रुपए की मांग का नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में है। ये ऑपरेटर हैं रिलायंस कम्युनिकेशंस, टाटा टेली, वोडाफोन, एयरटेल, आइडिया और एयरसेल। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में इन ऑपरेटरों ने अपनी आय को कम कर दर्शाया था।
कैग की मार्च में संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि इन छह कंपनियों ने 2006 से 2010 के दौरान अपने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को 46,045.75 करोड़ रुपए कम कर दिखाया है। इससे सरकार को 12,488.3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।अधिकारी ने कहा कि यह रिपोर्ट मार्च में पेश की गई और जिन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है वे दूरसंचार विभाग को जून में मिले हैं। दूरसंचार विभाग ऑपरेटरों से इस राशि की वसूली को मांग नोटिस तैयार कर रहा है। इस राजस्व को छोड़ने का कोई सवाल नहीं है।
इन छह ऑपरेटरों ने इससे पहले संयुक्त बयान में कैग के निष्कर्ष पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि लाइसेंस शुल्क की गणना के लिए एजीआर की परिभाषा पर मामला विभिन्न न्यायिक मंचों टीडीसैट, उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालय में लंबित है। अधिकारी ने कहा कि आमदनी को कम दिखाने की वजह से रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 3,728.54 करोड़ रुपए की वसूली का मामला बनता है। इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज पर इसका प्रभाव 3,215.39 करोड़ रुपए, एयरटेल पर 2,651.89 करोड़ रुपए, वोडाफोन पर 1,665.39 करोड़ रुपए, आइडिया पर 964.89 करोड़ रुपए तथा एयरसेल पर 262.83 करोड़ रुपए का बैठेगा।
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