नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी के अस्थाई परिणामों की घोषणा होने तक इसके साझा करने, व्यापार करने और उदारीकरण करने की गतिविधियों को रोक दिया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार ने यह कदम आगामी नीलामी में बेहतर बोली लगाना सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
स्पेक्ट्रम भागीदारी और व्यापार करने के संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है, स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग दिशानिर्देश स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आवेदन मंगाने की तिथि से लेकर नीलामी के अस्थाई परिणामों की घोषणा होने तक निलंबित रहेंगे। इसी तरह विभाग ने स्पेक्ट्रम भागीदारी और उदारीकरण करने की गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। इससे रिलायंस कम्युनिकेशंस में सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज एवं एयरसेल का विलय कुछ हद तक प्रभावित होगा।
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स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए तीन प्रतिशत प्रयोग शुल्क को मंजूरी
सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए जमीन तैयार करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आगामी नीलामी में खरीदे जाने वाले स्पेक्ट्रम के लिए तीन प्रतिशत के सालाना प्रयोग शुल्क (एसयूसी) को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड में स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क या एसयूसी की अनुमति दी गई। इसके लिए नीलामी जल्द होने जा रही है। इससे दूरसंचार विभाग द्वारा नीलामी के लिए आवेदन आमंत्रित को नोटिस जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार द्वारा करीब 2,300 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी से कम से कम 64,000 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद है।