नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के लिये प्रदर्शन और वित्तीय बैंक गारंटी जरूरत को 80 प्रतिशत घटा दिया है। बुधवार को जारी लाइसेंस संशोधन नोट में यह कहा गया। संशोधन एकीकृत पहुंच सेवा लाइसेंसधारक (यूएएसएल) में पुरानी दूरसंचार लाइसेंस श्रेणी और 2012 में शुरू नयी लाइसेंस एकीकृत लाइसेंस श्रेणी में किया गया है। इस कदम से भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और टाटा कम्युनिकेश्ंस, एटरिया कनवर्जेन्स टेक्नोलॉजीज आदि जैसे बीएसएनएल इंटरनेट लाइसेंस धारकों के पास वह नकदी आएगी, जो उन्होंने बैंक गारंटी को लेकर बैंकों के पास रखी है।
एकीकृत लाइसेंस (यूएल) व्यवस्था में किये गये संशोधित नियमों के तहत दूरसंचार कंपनियों को अनुबंध या बाध्यता के तहत क्षेत्र में प्रदर्शन को लेकर दूरसंचार लाइसेंस के लिए प्रत्येक सेवा क्षेत्र पर 44 करोड़ रुपये तक की गारंटी देनी होगी। जबकि पुराने नियम के तहत यह गारंटी 220 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार, दूरसंचार परिचालकों को अब प्रति सर्किल अधिकतम 8.8 करोड़ रुपये की गारंटी देनी होगी जो पहले 44 करोड़ रुपये थी। लाइसेंस संशोधन नोट के अनुसार नये नियम उन मामलों में लागू नहीं होंगे जहां बैंक गारंटी अदालत के आदेश के कारण दी गयी है या कानूनी विवाद के अधीन है।
यूएएसएल के मामले में, जहां वित्तीय बैंक गारंटी के तहत तीन अलग-अलग राशि ली जाती थी, उसे कम कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। पुरानी व्यवस्था के तहत वित्तीय बैंक गारंटी के रूप में ए श्रेणी के दूरसंचार सर्किल के लिये 50 करोड़, बी सेवा क्षेत्र के लिये 25 करोड़ रुपये और सी श्रेणी के सर्किल के लिये 5 करोड़ रुपये देने होते थे।
यूएएसएल के जारी संशोधन नोट के तहत, ‘‘मौजूदा लाइसेंसधारकों के लिये परिचालन बैंक गारंटी और वित्तीय बैंक गारंटी को घटाकर मौजूदा कुल राशि का 20 प्रतिशत कर दिया गया है।’’ नये नियम उन दूरसंचार परिचालकों पर भी लागू नहीं होंगे, जो फिलहाल परिसमापन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।