नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के लिये प्रदर्शन और वित्तीय बैंक गारंटी जरूरत को 80 प्रतिशत घटा दिया है। इस संदर्भ में बुधवार को लाइसेंस संशोधन नोट जारी किया गया। संशोधित नियमों के तहत दूरसंचार कंपनियों को अनुबंध या बाध्यता के तहत क्षेत्र में प्रदर्शन को लेकर दूरसंचार लाइसेंस के लिए प्रत्येक सेवा क्षेत्र पर 44 करोड़ रुपये तक की गारंटी देनी होगी। जबकि पुराने नियम के तहत यह गारंटी 220 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार, टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अब प्रति सर्किल अधिकतम 8.8 करोड़ रुपये की गारंटी देनी होगी जो पहले 44 करोड़ रुपये थी। लाइसेंस संशोधन नोट के अनुसार नये नियम उन मामलों में लागू नहीं होंगे जहां बैंक गारंटी अदालत के आदेश के कारण दी गयी है या कानूनी विवाद के अधीन है। यह नियम उन दूरसंचार परिचालकों पर भी लागू नहीं होगा, जो फिलहाल परिसमापन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। सरकार के इस कदम से दूरसंचार परिचालकों के पास वह नकदी बढ़ेगी, जो उन्होंने बैंक गारंटी के तौर पर बैंकों में जमा की है।
वहीं सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के फैसले को अधिसूचित कर दिया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक प्रेस नोट में कहा कि दूरसंचार सेवाओं में एफडीआई 2020 के प्रेस नोट-3 की स्थिति पर निर्भर करेगा। इसके अनुसार जिन मामलों के प्रेस नोट-3 के प्रावधानों के तहत सरकार की पूर्व मंजूरी की जरूरत होगी, वह स्थिति बनी रहेगी। प्रेस नोट-3 के तहत किसी ऐसे देश की एक इकाई, जिसकी भूमि सीमा भारत के साथ लगती है या भारत में होने वाले निवेश से जुड़ा लाभार्थी वहां रहता है अथवा ऐसे किसी देश का नागरिक है, वह केवल सरकारी मार्ग के तहत निवेश कर सकता है।