नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डॉट) ने सैटेलाइट फोन, ब्रॉडबैंड उपकरण, ऑप्टिकल फाइबर केबल सहित 25 दूरसंचार उत्पादों की एक सूची जारी की है, जिनमें आयातित कलपुर्जों का इस्तेमाल किये जाने के बावजूद उन्हें स्थानीय उत्पाद माना जाएगा। इस अधिसूचना के साथ सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश, 2017 का पालन करते हुए भारतनेट, बीएसएनएल, रेलवे आदि की परियोजनाओं में आयातित घटकों से दूरसंचार उत्पाद बनाने वाली कंपनियां से खरीद की जा सकेगी।
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि सर्फेस माउंट प्रौद्योगिकी प्रक्रिया का उपयोग करते हुए मुद्रित सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) और आयातित या घरेलू रूप से विनिर्मित घटकों और कलपुर्जों का परीक्षण भारत में किया जाता है, तो आयातित या घरेलू रूप से विनिर्मित भागों और घटकों को स्थानीय सामग्री के लिए योग्य माना जाएगा।’’
विदेशी विनिर्माताओं नोकिया, एरिक्सन, सिस्को आदि ने इससे पहले मांग की थी कि उन्हें घरेलू दूरसंचार गियर विनिर्माताओं के समान माना जाना चाहिए। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जब सेमिकंडक्टर फैब (इलेक्ट्रानिक चिप प्लांट) भारत में परिचालन में आ जायेगा तबि इसकी समीक्षा की जायेगी।’’ इस समय सभी इलेक्टमनिक और दूरसंचार उपकरण निर्माता अपने उत्पाद में इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्टमनिक चिप का आयात करते हैं। बहरहाल, टाटा समूह ने देश में सेमिकंडक्टर कारखाना लगाने में रुचि दिखाई है।