नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट सेवाप्रदाताओं के लिए अपने नेटवर्क को अनुकूलित करने के साथ-साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस आईपीवी6 के अनुसार सेवाओं के लिए ग्राहकों के परिसर में मॉडम और राउटर बदलने को दिसंबर, 2022 की समयसीमा तय की है। दो नवंबर को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने सरकारी संगठन के लिए आईपीवी6 में पूर्ण तब्दीली के लिए 30 जून, 2022 को अंतिम तिथि निर्धारित की है।
नोट में कहा गया है, ‘‘31 दिसंबर, 2022 के बाद सेवाप्रदाताओं द्वारा प्रदान किए गए सभी नए खुदरा वायरलाइन ग्राहक कनेक्शन आईपीवी6 ट्रैफिक को मूल आईपीवी6 पर दोहरे स्टैक पर ले जाने में सक्षम होंगे।’’ आईपी पते विभिन्न उपकरणों और सर्वर को इंटरनेट पर पहचानने और जोड़ने में मदद करते हैं। इंटरनेट से जुड़ने वाले उपकरणों की संख्या में वृद्धि ने आईपीवी6 पतों की मांग को बढ़ा दिया है। भारत के पास अब वैश्विक स्तर पर आईपीवी6 पतों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है।
आईपीवी6 फोरम के चेयरमैन सत्य एन गुप्ता ने कहा, ‘‘डुअल स्टैक मोड के साथ भी आईपीवी6 में बदलाव से इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि में मदद मिलेगी। विशेष रूप से घर से काम करने के साथ-साथ आईओटी पारिस्थितिकी तंत्र और आगामी 5जी सेवाओं के संदर्भ में एक विशाल आईपी पते की आवश्यकता होगी, जो आईपीवी4 के साथ उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, आईपीवी6 में बदलाव से नेटवर्क सुरक्षा में वृद्धि होगी क्योंकि संस्करण 6 में यह सुविधा अंतर्निहित है।