नयी दिल्ली। देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च में गिरावट देखी गयी। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस संकट के चलते मांग में आयी कमी की वजह से सेवा क्षेत्र में यह संकुचन देखा गया। कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण ‘आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स’ (पीएमआई सेवा) की सोमवार को जारी मार्च की रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए। मार्च में पीएमआई सेवा सूचकांक 49.3 अंक पर रहा, जो फरवरी में 85 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंचकर 57.5 अंक था। पीएमआई सूचकांक का 50 अंक से नीचे रहना गतिविधियों में संकुचन जबकि 50 अंक से ऊपर रहना बढ़त के रुख को दिखाता है। सर्वेक्षण के लिए आंकड़े 12 से 27 मार्च के बीच जुटाए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) की घोषणा की थी। इस वजह से सेवा क्षेत्र की मांग में व्यापक कमी देखी गयी है। आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री जो हाएस ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के भारतीय सेवा क्षेत्र पर असर का अब तब पूरी तरह आकलन नहीं किया जा सका है। निश्चित तौर पर अभी और बुरी स्थिति होनी बाकी है। लॉकडाउन की वजह से देशभर में दुकानें बंद हैं। इससे सेवा क्षेत्र पर भारी दबाव है।’’
सर्वेक्षण के मुताबिक घरेलू मांग में कमी के साथ-साथ सेवाओं का निर्यात भी कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुआ है। सितंबर 2019 के बाद सेवा क्षेत्र की भारतीय कंपनियों की ऑर्डर बुक में मार्च में पहली बार गिरावट देखी गयी। हाएस ने कहा कि सार्वजनिक बंद से सामने आने वाली आर्थिक चुनौती से निपटने का दबाव अब पूरी तरह सरकार पर होगा। इस बीच एकीकृत पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च में 50.6 अंक पर रहा। फरवरी में यह 57.6 अंक था। यह सूचकांक संयुक्त तौर पर विनिर्माण गतिविधियों और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के रुख को देखता है।