आईटी कंपनियों का कहना है कि भारत तें घरेलू अवसर बहुत क्षीण हैं और उनके कारोबार में केवल इकाई अंक का हिस्सा रखते हैं। उसमें भी भुगतान से जुड़ी दिक्कते हैं। वहीं एसोचैम का कहना है कि जनधन योजना व आधार आधारित सेवा आपूर्ति माडल से रोचक अवसरों की पेशकश हो रही है। इसने कहा है कि इस समय भारतीय आईटी उद्योग वैश्विक कंपनियों के लिए जो काम करता है उसका 60 प्रतिशत हिस्सा बैंकिंग, वित्तीय सेवा व बीमा क्षेत्र का है। एसोचैम का कहना है कि घरेलू मोर्चे पर अधिक ध्यान देना देश व आईटी उद्योग दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का दावा है कि घरेलू अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर लाखों नये रोजगार सृजित किए जा सकते हैं।