Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. FY16 में एयरलाइंस कंपनियों को घाटा होगा कम, हवाई यात्रियों को मिलेगा फायदा

FY16 में एयरलाइंस कंपनियों को घाटा होगा कम, हवाई यात्रियों को मिलेगा फायदा

कच्चे तेल की कीमतों में कमी, दक्षता में सुधार तथा बढ़ते हवाई यातायात से घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में अपना घाटा कम करने में मदद मिलेगी।

Abhishek Shrivastava
Published : October 23, 2015 11:53 IST
FY16 में एयरलाइंस कंपनियों को घाटा होगा कम, हवाई यात्रियों को मिलेगा फायदा
FY16 में एयरलाइंस कंपनियों को घाटा होगा कम, हवाई यात्रियों को मिलेगा फायदा

मुंबई। कच्चे तेल की कीमतों में कमी, दक्षता में सुधार तथा बढ़ते हवाई यातायात से घरेलू एयरलाइन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष 2015-16 में अपना घाटा कम करने में मदद मिलेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक चालू वित्‍त वर्ष में एयरलाइन कंपनियों का घाटा तकरीबन 5,500 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। पिछले साल यह घाटा 8,500 करोड़ रुपए था। एयरलाइंस कंपनियों का घाटा कम होने से वे यात्री सुविधाओं पर ज्‍यादा फोकस कर पाएंगी और यात्रियों को डिस्‍काउंट भी दे पाएंगी।

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि घरेलू एयरलाइन कंपनियों के परिचालन में सुधार की संभावना है। हालांकि, उनके संरचनात्मक व्यवहार्यता को लेकर चिंता बनी हुई है।  इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि उम्मीद की जा रही है कि विमान ईंधन की कीमत में सुधार से घरेलू एयरलाइंस वित्त वर्ष 2015-16 में अपना प्रदर्शन सुधारेंगी। यह भी उम्मीद है कि उनका सकल नुकसान वित्त वर्ष 2015-16 में घटकर 5,500 करोड़ रुपए हो जाएगा, जो 2014-15 में 8,500 करोड़ रुपए था।

रिपोर्ट के अनुसार एयरलाइंस के परिचालन व्यय में ईंधन की लागत करीब 50 फीसदी है। ऐसे में ईंधन की लागत में नरमी से विमानन कंपनियों की परिचालन लागत में 12 से 13 फीसदी की कमी आएगी। घाटा कम होने से एयरलाइंस कंपनियां यात्री सुविधाओं पर अपना खर्च बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा त्‍योहारी सीजन में एयरलाइंस कंपनियां ग्राहकों को ज्‍यादा डिस्‍काउंट भी ऑफर कर सकती हैं।

जून 2014 से जून 2015 के बीच कच्चे तेल की लागत में करीब 55 फीसदी कमी आई है। हालांकि हाल में यह थोड़ा बढ़कर 50 से 55 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।  उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनियों का घाटा वित्त वर्ष 2014-15 में करीब 40 फीसदी घटकर 7,500 से 8,500 करोड़ रुपए रहा। हालांकि कंपनियों का कमजोर वित्तीय प्रदर्शन पिछले साल भी जारी रहा थ। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उद्योग में संरचनात्मक चुनौती बनी हुई है। साथ ही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण उनके परिणाम पर दबाव पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें

Setback: 10वें महीने लगातार 24 फीसदी घटा निर्यात, आयात के मोर्चे पर मिली राहत

IPO: इंडिगो का आईपीओ आएगा 27 अक्‍टूबर को, 700-765 रुपए प्रति शेयर होगी कीमत

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement