मुंबई। देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या वित्त वर्ष 2018-19 में 14.25 प्रतिशत बढ़कर 17.12 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि अकेले मार्च माह में यह वृद्धि मात्र 0.14 प्रतिशत रही, जो पिछले कई सालों में सबसे निचला स्तर रहा है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों से जानकारी मिली है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 18.3 प्रतिशत बढ़कर 14.68 करोड़ रही थी। हालांकि, मार्च के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं। भले ही इसमें बढ़ोतरी हुई है लेकिन वृद्धि दर मात्र 0.14 प्रतिशत रही है। मार्च में घरेलू यात्रियों की संख्या 1.16 करोड़ रही, जो पिछले साल मार्च में 1.158 करोड़ थी। मार्च में कम वृद्धि की एक बड़ी वजह जेट एयरवेज का संकट भी रहा है, जिसके चलते विमानन क्षेत्र की क्षमता प्रभावित हुई और सीटों की उपलब्धता घटी है।
हवाई यात्रा बाजार में मार्च में अब भी सबसे ज्यादा 46.9 प्रतिशत हिस्सेदारी इंडिगो की रही, जबकि उसकी निकटतम प्रतिद्वंदी कंपनी स्पाइस जेट की बाजार हिस्सेदारी इस दौरान 13.6 प्रतिशत रही। दोनों कंपनियों के यात्रियों की संख्या इस अवधि में क्रमश: 54 लाख और 15.81 लाख रही।
वहीं यात्रियों की संख्या के मामले में 15.19 लाख यात्रियों के साथ सरकारी कंपनी एअर इंडिया तीसरे स्थान पर रही। सीटें भरने के मामले में सबसे ऊपर स्पाइसजेट रही, जिसकी 93 प्रतिशत सीटें भरी रहीं। वहीं समय पर उड़ान भरने के मामले में 95.2 प्रतिशत के साथ गो एयर शीर्ष स्थान पर रही।