नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में हवाई किराए इतने सस्ते हो रहे हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर रहा है। भारत में हवाई यात्रियों की संख्या पर गौर करें तो यह बात सच प्रतीत होती है। इस साल जुलाई में 1.15 करोड़ यात्रियों ने हवाई जहाज से सफर किया। इसी के साथ ही पिछले साल के मुकाबले इस साल जुलाई में घरेलू विमान यात्रियों की आवाजाही में 20.82 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन माह में कुल 1.15 करोड़ यात्रियों ने घरेलू विमानन कंपनियों से हवाई यात्रा की। जबकि साल 2017 के जुलाई में यह संख्या 95.65 लाख यात्रियों की थी। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-जुलाई 2018 की अवधि में यात्रियों की संख्या में 22 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
डीजीसीए ने अपनी मासिक घरेलू विमान यात्रियों की रिपोर्ट में कहा, "घरेलू एयरलाइनों द्वारा 2018 के जनवरी-जुलाई अवधि में 8,00,40,000 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 6,57,21,000 यात्रियों का था, जोकि 21.79 फीसदी की वृद्धि है।" आंकड़ों से पता चलता है कि किफायती विमानन कंपनी स्पाइस जेट का सबसे अधिक पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) रहा, जोकि 93.8 फीसदी रहा। पीएलएफ से एयरलाइन की क्षमता के दोहन की गणना की जाती है।
स्पाइसजेट की मुख्य बिक्री और राजस्व अधिकारी शिल्पा भाटिया ने कहा, "इस साल जुलाई में हमने लगातार 40वें महीने देश में सबसे ज्यादा पीएलएफ हासिल किया है।" स्पाइसजेट के बाद इंडिगो का पीएलएफ 88.7 फीसदी, गोएयर का 87.2 फीसदी और विस्तारा का 84.1 फीसदी रहा।