नई दिल्ली। रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के निदेशक मंडल ने कंपनी में 11,250 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के मद्देनजर प्रवर्तकों को डिबेंचर और वॉरंट जारी करने की अनुमति दे दी है। कंपनी के कर्ज में उल्लेखनीय तौर पर कमी लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कंपनी निदेशक मंडल ने सार्वजनिक निर्गम और निजी नियोजन के जरिये संस्थागत निवेशकों को शेयर बिक्री की भी अनुमति दी है। कंपनी को इस प्रक्रिया से 3,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
अगस्त के अंत में प्रवर्तकों ने कंपनी की किराया कारोबार देखने वाली इकाई डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स (डीसीसीडीएल) में अपनी संपूर्ण 40 प्रतिशत हिस्सेदारी 11,900 करोड़ रुपए में बेची थी। उन्होंने इससे मिलने वाली राशि को डीएलएफ में निवेश करने का प्रस्ताव किया था।
बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने प्रवर्तकों को नकद में तरजीही पेशकश और 37.97 करोड़ अनिवार्य परिवर्तनीय असुरक्षित डिबेंचर (सीसीडी) जारी करने की अनुमति दी है। इन डिबेंचरों को समान संख्या में 217.25 रुपए पर इक्विटी शेयरों में बदला जाएगा। इसके अलावा बोर्ड ने प्रवर्तकों को तरजीही आधार पर 13,80,89,758 वारंट जारी करने की अनुमति दी है। इन्हें समान मूल्य पर शेयरों में बदला जाएगा।