नई दिल्ली। कर्ज से लदी एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारियों के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में गुरुवार को मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय विमानन कंपनी की बिक्री से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई और प्रक्रिया में तेजी लाने का फैसला किया गया। इस बैठक में हालांकि कोई फैसला नहीं लिया गया, लेकिन जल्द ही विभिन्न मुद्दों पर अगली बैठक होने वाली है। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बैठक को उत्पादक करार दिया और कहा कि विनिवेश के सभी फैसले निर्धारित समय में लिए जाएंगे।
एयर इंडिया के विनिवेश के मुद्दे पर मंत्री समूह की बैठक के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि देखिए, इस समय मैं कोई भी घोषणा करने की स्थिति में नहीं हूं। इस तथ्य के अलावा कि बैठक हुई थी, कृपया प्रक्रिया को आगे बढ़ने दें। हां, इतना जरूर बता सकता हूं कि यह बैठक बहुत अच्छी रही और इसमें सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही एयर इंडिया के वर्तमान और सेवानिवृत्त 40,000 कर्मचारियों के पैकेज पर भी चर्चा हुई।
इस बैठक के एजेंडे में विमानन कंपनी के 29,464 करोड़ रुपए के अतिरिक्त और कर्ज का हस्तांतरण एयर इंडिया एस्सेट्स होल्डिंग्स लि. (एआईएएचएल) को करने पर चर्चा शामिल थी, ताकि निजी कंपनियों के यह सौदा आकर्षक हो। मंत्रिमंडलीय समिति में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेलमंत्री पीयूष गोयल और नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। बैठक में निजीकरण के मद्देनजर कर्मचारियों के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
सरकार ने इस सौदे के लिए एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) अक्टूबर अंत में जारी करने की योजना बनाई है। सरकार इसके अलावा एफडीआई नियमों में भी छूट दे सकती है, ताकि विदेशी कंपनियां भी खरीद में रुचि दिखा सकें। लेकिन कुछ अधिकारियों ने बताया कि सौदे को एक सीमा तक की आकर्षक बनाया जाएगा। क्लब वन एयर के सीईओ और कतर एयरवेज के पूर्व इंडिया हेड राजन मेहरा ने कहा, 'इस बार सरकार काफी गंभीर है। वे संभावित खरीदारों से आगे बातचीत के लिए खुले हैं। जब सरकार गंभीर होती है, तो काम हो ही जाता है।'
कर्ज में डूबा है एअर इंडिया
गौरतलब है कि एयर इंडिया पर फिलहाल करीब 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं। विनिवेश योजना की जानकारी रखनेवाले एक अधिकारी ने बताया, "अब एयर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज ही दिखाया जाएगा।"