नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश को लेकर सरकार की गाड़ी पटरी पर आती दिखाई दे रही है। 2015 में सरकार को विनिवेश से होने वाली प्राप्तियां पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं। अभी तक सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री से 35,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई है। हालांकि, इनमें एक बड़ा हिस्सा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने खरीदा है। वहीं 2016 के लिए सरकार की विनिवेश की पाइपलाइन तैयार है। अगले साल एनटीपीसी, कोल इंडिया तथा ओएनजीसी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों की बिक्री की जानी है।
विनिवेश से जुटाए 35 हजार करोड़ रुपए
सरकार ने 2015 में सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 35,236 करोड़ रुपए या 5.3 अरब डॉलर जुटाए हैं। यह इससे पिछले साल जुटाई गई 18,000 करोड़ रुपए की राशि का लगभग दोगुना है। 2013 में सरकार ने विनिवेश से 22,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। सरकार अगले साल अपने विनिवेश अभियान को फिर शुरू करने के लिए उचित बाजार परिस्थितियों तथा सकारात्मक वैश्विक संकेतों का इंतजार करेगी।
50 हजार करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य
अगले साल सरकार का कम से कम 50,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य लय किया है। इससे वह राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकेगी। हालांकि, अगले साल का विनिवेश अभियान काफी हद तक कच्चे तेल और धातु बाजार के रख पर निर्भर करेगा, क्योंकि जिन कंपनियों का विनिवेश किया जाना है उनमें से ज्यादातर जिंस बाजार से संबंधित हैं।