नई दिल्ली। ऐसे समय में जब देश में बिजली का उत्पादन जरूरत से ज्यादा है, बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा 'अकारण' लोड शेडिंग का हवाला देकर बिजली कटौती करने पर मार्च 2019 के बाद से जुर्माना लगेगा। केंद्र सरकार इस संबंध में एक कानून बनाने जा रही है। बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह बात कही है।
राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ एक बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के दंड का प्रावधान करना सरकार द्वारा सभी को निर्बाध रूप से बिजली मुहैया कराने की कार्ययोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हम 2019 के बाद इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाएंगे कि यदि बिना तकनीकी खराबी या किसी प्राकृतिक गड़बड़ी के बिजली कंपनियां अकारण लोड शेडिंग करती हैं, तो उसे दंडित किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एकमात्र लाइसेंस धारक के रूप में डिस्कॉम की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह बिजली की निर्बाध आपूर्ति करे, जिसे अब बिजली अधिनियम, 2003 में संशोधन कर बाध्यकारी बनाया जाएगा और बिना किसी बाजिब कारण के बिजली में कटौती करने पर जुर्माना लगेगा। उन्होंने कहा कि सभी को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने की मांग को पूरा करने के लिए सिस्टम को सभी तरफ से मजबूत करने की जरूरत है।