नई दिल्ली। देश का डायरेक्ट सेलिंग यानी प्रत्यक्ष बिक्री (सीधे ग्राहकों को बेचे जाने वाले उत्पाद) उद्योग 2021 तक 159.3 अरब रुपए के स्तर को छूने का अनुमान है लेकिन स्थाई विकास के लिए कुछ सुधारों की आवश्यकता है। उद्योग मंडल एसोचैम ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। 2011 के बाद से उद्योग लगातार तेजी के साथ आगे बढ़ते हुए 2016 में 126.2 अरब रुपए का हो गया है। इस दौरान में इसमें करीब दोगुनी वृद्धि हुई।
उद्योग की वृद्धि को आगे बनाए रखने के लिए एसोचैम ने अपने अध्ययन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक अधिनियम और प्राइज चिट एंड मनी सर्कुलेशन (बैन) अधिनियम के कुछ प्रावधानों में रियायत देने का सुझाव दिया है। जबकि सरकार इस क्षेत्र के लिए दिशानिर्देश जारी करने की तैयारी में है।
अध्ययन के मुताबिक, गलत और अस्वीकृत कारोबारी गतिविधियों" के बावजूद पूर्ववर्ती वर्षों में उद्योग में वृद्धि देखी गई और जिसने कई तरीकों से भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है।
भारत में प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र में उपभोक्ता स्वास्थ्य खंड का दबदबा है और इसके बाद सौंदर्य प्रसाधन से जुड़े खंड का स्थान आता है।