नई दिल्ली। सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) के समाप्त होने के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रक्रिया जारी करने की तैयारी में है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) ने प्रस्तावों को मंजूरी देने की मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया है और इसे आर्थिक मामले विभाग सहित विभिन्न विभागों में उनके विचार जानने के लिए वितरित किया जा रहा है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि,
सात से दस दिन के भीतर हम इस प्रक्रिया को जारी कर देंगे। FIPB पोर्टल को अब ई-बिज पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है। हमने मंजूरी प्रक्रिया के दौरान हर कदम के लिए समय-सीमा तय की है। टिप्पणी भेजने और सुरक्षा मंजूरी जैसे कदमों के लिये कितने दिन लगेंगे यह तय किया गया है।
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सरकार ने पिछले महीने 25 साल पुराने FIPB को समाप्त कर दिया। देश में अधिक से अधिक FDI आकर्षित करने और FDI प्रस्तावों को जल्द से जल्द मंजूरी दिए जाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि DIPP प्रशासनिक मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श के बाद FDI प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा ताकि इसमें एकरूपता बनी रहे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि FDI प्रस्तावों को आवेदन मिलने के 60 दिन के भीतर मंजूरी दे दी जाएगी।
FDI प्रस्तावों के मामले में अब ज्यादातर फैसले संबंधित मंत्रालयों पर छोड़ दिए गए हैं। निजी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े निवेश प्रस्ताव पर निर्णय गृह मंत्रालय करेगा। वित्तीय सेवा क्षेत्र से जुड़े उन प्रस्तावों के बारे में जो किसी नियामक के तहत नहीं आते हैं, या फिर जहां एक से अधिक नियामक हैं और नियामक को लेकर कोई संदेह है ऐसे प्रस्तावों पर वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामले विभाग फैसला करेगा। बैंकों के बारे में कोई प्रस्ताव आने पर उसके बारे में निर्णय वित्तीय सेवाओं का विभाग करेगा।
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प्रत्येक तिमाही आर्थिक मामले विभाग और DIPP सचिव एक संयुक्त बैठक करेंगे जिसमें सरकार के पास लंबित प्रस्तावों पर गौर किया जायेगा। वर्तमान में 91-95 प्रतिशत FDI ऑटोमैटिक रूट के जरिए देश में आता है जबकि रक्षा, खुदरा व्यापार सहित 11 क्षेत्र हैं जिनमें सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है। वर्ष 2016-17 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर रहा है।