नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि विपणन और विनिर्माण क्षेत्र के डिजिटलीकरण की देश के लघु एवं मझोले उपक्रमों के कारोबार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने ऐसी प्रौद्योगिकियों पर जोर दिया जिससे आर्थिक रूप से सक्षम एमएसएमई देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में अपना विस्तार कर पाएं। गडकरी ने मंगलवार को माइक्रोसॉफ्ट के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘एमएसएमई को डिजिटल करना महत्वपूर्ण विषय है। डिजिटल ऐसा समाधान है जिसके जरिये हम अपनी प्रणाली को पारदर्शी और समयबद्ध बना सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि विपणन या मार्केटिंग एमएसएमई के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कई छोटी कंपनियों ने ऑनलाइन मार्केटिंग शुरू की है जिससे शानदार नतीजे दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा डिजिटलीकरण विनिर्माण क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र का आह्वान किया कि वह एमएसएमई क्षेत्र को प्रक्रियाओं में मदद करे। मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा निर्यात में उसका 48 प्रतिशत का हिस्सा है और उसने 11 करोड़ रोजगार का सृजन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी बढ़ाकर 40 प्रतिशत और निर्यात में 60 प्रतिशत करने का है। इसके अलावा सरकार क्षेत्र में पांच करोड़ नए रोजगार के अवसरों का भी सृजन करना चाहती है। गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा ग्रामीण, कृषि, आदिवासी क्षेत्रों तथा 115 आकांक्षी जिलों में एमएसएमई का विकास करने का है।’’ उन्होंने कहा कि यह ऐसा क्षेत्र है जिसका जीडीपी में योगदान काफी कम है। ‘‘ऐसे में हमें ऐसी प्रौद्योगिकी ढूंढनी चाहिए जिससे आर्थिक रूप से मजबूत एमएसएमई गांवों, ग्रामीण इलाकों, कृषि और आदिवासी इलाकों में विस्तार कर सकें।’’