रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
नॉन कैश या डिजिटल पेमेंट्स का चलन पिछले दस सालों में बहुत ज्यादा बढ़ा है। 2015 में नॉन कैश पेमेंट का वॉल्यूम रिकॉर्ड 426.3 अरब ट्रांजैक्शन का रहा है, जो 2014 में 387.3 अरब ट्रांजैक्शन था। इस लिहाज से डिजिटल पेमेंट की ग्रोथ 10.1 फीसदी रही है।
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नॉन कैश ट्रांजैक्शन में सबसे ज्यादा योगदान इनका रहा
- उभरता एशिया – 31.9 फीसदी
- सेंट्रल यूरोप, मिडल ईस्ट और अफ्रीका – 15.7 फीसदी
- एशिया महाद्वीप – 11.6 फीसदी
विकासशील देशों में मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ की वजह से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि दर्ज की गई है। यहां की सरकारों ने भी नॉन कैश पेमेंट्स को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी बनाई हैं, डिजिटल वॉलेट के उपयोग को आसान बनाया है, सुरक्षा तंत्र को मजूबत बनाया है, पेमेंट्स के प्रोसेसिंग टाइम को कम किया है, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला शुल्क कम किया गया है और ई-पेमेंट्स के साथ अनेक लाभ जोड़े गए हैं, जिनसे काफी लाभ मिल रहा है।
विकसित देशों में नॉन-कैश पेमेंट्स बहुत अधिक संख्या में होता है और यहां की ग्रोथ रेट 6 फीसदी रही है, दुनियाभर में कुल नॉन कैश पेमेंट्स में विकसित देशों की हिस्सेदारी 70.9 फीसदी है। लेकिन विकासशील बाजारों में डिजिटल पेमेंट्स की ग्रोथ 16.7 फीसदी रही है, जो चौंकाने वाली बात है।
- चीन ने डिजिटल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के मामले में अब यूके और साउथ कोरिया को पीछे छोड़ दिया है।
सबसे ज्यादा नॉन कैश पेमेंट्स वॉल्यूम वाले टॉप 10 देश
- यूएसए
- यूरोजोन
- ब्राजील
- चीन
- यूके
- साउथ कोरिया
- जापान
- कनाडा
- रूस
- ऑस्ट्रेलिया
टॉप नॉन कैश मार्केट
- कार्ड की चमक अभी भी बरकरार है, लोग अभी भी नॉन कैश पेमेंट्स ट्रांजैक्शन के लिए अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल प्रमुखता से कर रहे हैं। हालांकि, क्रेडिट कार्ड के उपयोग में ज्यादा कोई वृद्धि नहीं देखने को मिली है।
- दुनियाभर में 45.7 फीसदी नॉन कैश ट्रांजैक्शन के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है और इसकी वृद्धि दर 12.8 फीसदी है। यह तेजी से विकसित होता पेमेंट् इंस्ट्रमेंट भी बन गया है।
- कैश और चेक की जगह अब कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग ने ले ली है। पिछले 13 सालों से लगातार चेक के इस्तेमाल में कमी दर्ज की जा रही है।