नई दिल्ली। सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि इस साल अगस्त में भारत में 244.81 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए। उसने कहा है कि यह आंकड़ा अक्टूबर, 2016 से अब तक डिजिटल लेनदेन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि को दिखाता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि नए भुगतान माध्यम-भीम यूपीआई, आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) ने व्यक्ति से व्यक्ति एवं व्यक्ति से कंपनी के बीच भुगतान को बढ़ावा देकर डिजिटल भुगतान के तंत्र को पूरी तरह बदल दिया है।
उसने कहा है कि आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि अक्टूबर, 2016 में 79.67 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए थे। अगस्त, 2018 में यह आंकड़ा 207 प्रतिशत बढ़कर 244.81 करोड़ तक पहुंच गया। अगस्त, 2018 में कुल 204.86 लाख करोड़ रुपए मूल्य के डिजिटल लेनदेन हुए। यह 88 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।
बयान में कहा गया है कि पिछले दो साल में भारत में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरकार ने सिस्टम में से काले धन को खत्म करने के लिए 8 नवंबर, 2016 को पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था। इस कदम से भुगतान के ऑनलाइन माध्यम को अपनाने में बड़ी मदद मिली है।
नए भुगतान मंच की उच्च वृद्धि को दिखाते हुए मंत्रालय ने कहा है कि अक्टूबर 2016 में भीम-यूपीआई पर लेनदेन 1.03 लाख थे, जिनका मूल्य 48 करोड़ रुपए थ। अक्टूबर 2018 में यह संख्या बढ़कर 48.2 करोड़ हो गई, जिसका मूल्य 74,978.2 करोड़ रुपए था। अक्टूबर 2016 में आधार आधारित भुगतान सर्विस पर लेनदेन की संख्या 2.57 करोड़ और मूल्य 221 करोड़ रुपए था, जो अक्टूबर 2018 में बढ़कर क्रमश: 15.07 करोड़ और 5,893 करोड़ रुपए हो गया।