नई दिल्ली। गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती को लेकर वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच मतभेद है। एक सरकारी नोट के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी को 10 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा करना संभव नहीं है। वाणिज्य और वित्त मंत्रालय के अधिकारी के बीच हुई बैठक में ज्वैलरी बनाने वालों को सस्ता सोना और चांदी मिल सके इसके लिए वाणिज्य के अधिकारियों ने ड्यूटी में कटौती का प्रस्ताव दिया है। जबकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारी गोल्ड स्कीम्स का इंपोर्ट पर प्रभाव देखने के बाद ड्यूटी में कटौती करने पर फैसले की बात कह रहे हैं।
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इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती फिलहाल नहीं संभव
नोट के अनुसार वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सोने के इंपोर्ट ड्यूटी में तत्काल कटौती की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को लॉन्च होने वाले गोल्ड स्कीम्स को कितना असर होता है। इसको देखने के बाद ही इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती पर फैसला लिया जाएगा। लेकिन कुछ भी “तुरंत नहीं किया जाएगा।
जीएफएमएस के लीड एनालिस्ट सुधीश नांबियाथ ने कहा कि अगर सरकार सोने के इंपोर्ट ड्यूटी में 8 फीसदी की कटौती कर देती है तो, कोई क्यों गोल्ड बॉन्ड खरीदेगा। साथ ही ज्वैलर्स गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम द्वारा एकत्र सोने का इस्तेमाल नहीं करेंगे। नांबियाथ के मुताबिक वित्त मंत्रालय गोल्ड स्कीम सफल बनाना चाहती है, ऐसे में ड्यूटी कट से पहले इसपर जरुर विचार करेगी।
गुरुवार को सरकार लॉन्च करेगी गोल्ड स्कीम्स
सरकार घरों, मंदिरों और ट्रस्ट के पास बेकार पड़े अनुमानित 5,40,000 करोड़ रुपए के 20,000 टन सोने के एक हिस्से को बैंकिंग प्रणाली में लाना चाहती है। इसके लिए 5 नवंबर को पीएम मोदी इंडिया गोल्ड कॉइन, गोल्ड मोनेटाइजेशन और सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम लॉन्च करेंगे। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा है कि शुरुआत में इंडिया गोल्ड कॉइन 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा 20 ग्राम का बार भी इस योजना के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि एमएमटीसी के आउटलेट्स के जरिये 5 ग्राम के 15,000 सिक्के, 10 ग्राम के 20,000 सिक्के तथा 3,750 गोल्ड बार की बिक्री की जाएगी।