नयी दिल्ली। हुंडई मोटर इंडिया के डीजल मॉडलों की मांग काफी अच्छी बनी हुई है और कंपनी इसको लेकर उत्साहित है। कंपनी का कहना है कि इससे भारत चरण-6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानक की व्यवस्था में भी इस प्रौद्योगिकी को जारी रखने का उसका रुख सही साबित हुआ है। देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी ने बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद भी डीजल मॉडल जारी रखे थे। वहीं देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने इस साल अप्रैल से ये मानक लागू होने के बाद अपने पोर्टफोलियो से डीजल कारों को हटा दिया था। कई अन्य वाहन कंपनियां भी धीरे-धीरे डीजल पावरट्रेन को हटा रही हैं। विशेषरूप से ये कंपनियां कम इंजन क्षमता के वाहन हटा रही हैं। इन कंपनियों का मानना है कि बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद छोटी डीजल कारें महंगी हो जाएंगी और ये प्रवेश स्तर के ग्राहकों की पहुंच से दूर हो जाएंगी।
टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने अपने कम क्षमता के डीजल इंजन वाहन हटा दिए हैं। वहीं इन कंपनियों ने बड़े पावरट्रेन वाले बहुउद्देश्यीय वाहनों तथा एसयूवी के डीजल मॉडलों को जारी रखा है। हुदै मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘करीब 60 प्रतिशत ग्राहक आज भी क्रेटा में डीजल ट्रिम पसंद करते हैं। वहीं 32 से 33 प्रतिशत उपभोक्ता वेन्यू का डीजल संस्करण खरीद रहे हैं। 30 से 33 प्रतिशत ग्राहक वेरना का डीजल मॉडल पसंद कर रहे हैं। ’’
गर्ग ने कहा, ‘‘पिछले 10 साल से भारत डीजल वाहनों का बड़ा बाजार है। ग्राहक ड्राइविंग में आनंद चाहते हैं। साथ ही वे ईंधन दक्षता भी चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में डीजल कारें खरीदने वाले ग्राहकों की पसंद अचानक नहीं बदल सकती। गर्ग ने कहा, ‘‘हुंदै का यही रुख था और आंकड़ों से यह सही साबित हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि देश में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां डीजल वाहनों की भारी मांग है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना डीजल वाहनों के बड़े बाजार हैं।