भुवनेश्वर। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज उम्मीद जताई कि पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में ला दिया जायेगा। GST के दायरे में आने से ईंधन की कीमतों में उतार - चढ़ाव को कम करने में मदद मिलेगी। प्रधान ने गुरुवार को उड़ीसा के भुवनेश्वर में कहा कि लंबी अवधि में पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाना तय है। धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी हद तक अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने को लेकर समयसीमा बताने से इनकार किया। प्रधान ने हालांकि, कहा कि राज्य पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने को लेकर इच्छुक नहीं है क्योंकि मौजूदा व्यवस्था में उन्हें अधिक वित्तीय लाभ है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने से कराधान में एकरूपता आएगी। GST काउंसिल इस दिशा में काम कर रही है।
मंत्री ने कहा कि देश में ईंधन के दाम बढ़ने के मुख्य कारणों में कर शामिल हैं, ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाना दीर्घकालीन उपाय हो सकता है और केंद्र इसके समाधान के लिये समग्र रणनीति पर काम कर रहा है। तेल के दाम में वृद्धि के अन्य कारणों में कच्चे तेल की ऊंची कीमत , तेल की भू - राजनीति , डालर तथा भारतीय मुद्रा की विनिमय दरों में उतार - चढ़ाव तथा स्थानीय कर शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पेट्रोल, डीजल के दाम को आम आदमी की पहुंच से बाहर नहीं जाने देने के लिये प्रतिबद्ध है। सरकार सुधारों के रास्ते से पीछे हटे बिना इनके दाम में आने वाले उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने का समग्र समाधान निकालने के लिये प्रयासरत है। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि केंद्र नियंत्रण मुक्त ईंधन कीमत व्यवस्था में किसी प्रकार की भी बदलाव लाने के पक्ष में नही है। सरकार ने जो सुधार किये हैं , उससे पांव पीछे नहीं खींचेगी।