नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने घरेलू विमनान कंपनियों के लिए वर्तमान एयरफेयर कैप की वैधता अवधि के साथ-साथ विमान सेवाओं के क्षमता उपयोग को 31 मई तक बढ़ा दिया है। दो अलग-अलग आदेशों में से एक में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान किराया की समयावधि को 30 अप्रैल से 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। ये फेयर बैंड्स 21 मई, 2020 से लागू हो गए थे। किराया संरचना के तहत, हवाई मार्गों को यात्रा के समय के आधार पर खंडों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक खंड का न्यूनतम और अधिकतम किराया होता है। इसी तरह, एक अन्य आदेश में, एयरलाइंस को केवल ग्रीष्मकालीन अनुसूची 2020 में 80 प्रतिशत क्षमता को तैनात करने की अनुमति दी गई थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू उड़ानों का किराया बढ़ाने पर रोक की सीमा बढ़ाकर 31 मई 2021 कर दी है। मंत्रालय ने 26 अप्रैल को एक बयान जारी करके बताया है कि अगले महीने के अंत तक 80 फीसदी एयरलाइन कैपेसिटी को भी बरकरार रखा जाएगा।
उड्डयन मंत्रालय की तरफ से यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एयरलाइन कंपनियों ने सरकार से अपील की है कि कैपासिटी घटाकर 60 फीसदी कर दी जाए क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बुकिंग घट गई है। अप्रैल की शुरुआत में एविएशन कंपनियों ने मदद के लिए सरकार का दरवाजा खटखटाया था। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से एयरलाइन कंपनियां बेजार हैं। ऐसे समय में जब एविएशन कंपनियों का बिजनेस सुधरने लगा था संक्रमण की दूसरी लहर ने फिर से उन्हें बेपटरी कर दिया है।
एयरलाइन कंपनियों ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सामने तीन मांगें रखी थीं। पहला, वित्तीय मदद ताकि उनका कारोबार चलता रहा। दूसरा, कैपासिटी कैप मौजूदा 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी कर दिया जाए। और तीसरा सरकार लोअर फेयर लिमिट जो फिक्स किया गया है उसे सख्ती से लागू किया जाए।
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