नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के अब तक नियंत्रण में न आने के कारण भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगाई गई रोक को 31 अक्टूबर, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को निलंबित कर दिया था लेकिन मई 2020 से वंदे भारत अभियान और जुलाई 2020 से चयनित देशों के बीच द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय विमान उड़ान भर रहे हैं। भारत ने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस समेत 27 देशों के साथ एयर बबल समझौते किए हैं। दो देशों के बीच इस समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय विमान अपने क्षेत्रों के बीच उड़ान भर सकते हैं।
डीजीसीए द्वारा मंगलवार को जारी परिपत्र में यह भी कहा गया है कि इस निलंबन का असर अंतरराष्ट्रीय मालवाहक अभियानों और उसके द्वारा मंजूरी प्राप्त उड़ानों पर नहीं पड़ेगा। भारत के कोरोना वायरस से अभी भी जूझने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्री विमानों पर निलंबन बढ़ाने का फैसला आया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कहा है कि बहरहाल, सक्षम प्राधिकरण हर मामले पर गौर करते हुए चयनित मार्गों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को अनुमति दे सकते हैं। पिछले महीने, डीजीसीए ने निर्धारित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों पर निलंबर को 30 सितंबर तक बढ़ाया था।
ड्रग की लत का पता लगाने के लिए चालक दल के सदस्यों, वायु यातायात नियंत्रकों की होगी जांच
विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा जारी नियमों के मुताबिक विमान के चालक दल के सदस्यों और वायु यातायात नियंत्रकों की, उनके नियोक्ता अगले साल 31 जनवरी से गांजा और कोकीन जैसे नशीले पदार्थों की लत का पता लगाने के लिए जांच करेंगे। जारी किए गए नियमों के मुताबिक, दुनिया भर में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल का प्रसार, उनकी सामान्य उपलब्धता और नशे की लत के शिकार लोगों की बढ़ती संख्या विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी नियमों के अनुसार, विमान कंपनियां और दिशा सूचक सेवा प्रदाताओं को हर साल उनके द्वारा नियुक्त विमान के चालक दल के सदस्यों और विमान यातायात नियंत्रकों के कम से कम 10 प्रतिशत कर्मियों की, औचक तरीके से, नशीले पदार्थों की लत का पता लगाने के लिए जांच करनी होगी। नियमों में उल्लेख किया गया है कि वाणिज्यिक विमान संचालकों, रखरखाव और मरम्मत का काम करने वाली इकाइयों, उड़ान प्रशिक्षण संगठनों और हवाई दिशासूचक सेवा प्रदाताओं को किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने या प्रशिक्षु पायलट को भर्ती करने से पहले उसकी नशीले पदार्थों की लत के संबंध में जांच करनी होगी।
इन इकाइयों को उन सभी विमानन कर्मियों की भी जांच करनी होगी जिन्होंने संबंधित देश में उड़ान संचालन के दौरान किसी विदेशी नियामक से जांच कराने से इनकार कर दिया। ऐसे सभी विमानन कर्मचारियों की एम्फटेमिन, गांजा, कोकीन, अफीम, बार्बिचुरेट्स और बेंजोडायजेपाइन जैसे नशीले पदार्थों की लत का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। अगर कोई विमानन कर्मी जांच में ‘पॉजिटिव’ पाया जाता है तो डीजीसीए को 24 घंटे के भीतर सूचित करना होगा। यदि कोई कर्मी काम के दौरान दूसरी बार जांच में ‘पॉजिटिव’ पाया जाता है तो उसका लाइसेंस तीन साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा और अगर कोई कर्मी तीसरी बार ‘पॉजिटव’ पाया जाता है तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
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