नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) ने यूरोप में दोबारा कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए बुधवार को भारत आने और यहां से जाने वाली शेड्यूल वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन को 30 नवंबर तक स्थगित कर दिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह प्रतिबंध उन अंतरराष्ट्रीय विमानन सेवाओं और उड़ानों पर लागू नहीं होगा, जो विशेष रूप से नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा अनुमोदित हैं।
डीजीसीए के बयान में कहा गया है कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल उड़ानों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा चुनिंदा मार्गो पर केस-टू-केस आधार पर अनुमति दी जा सकती है। वर्तमान में भारत ने कई देशों के साथ एयर बबल समझौतों में प्रवेश किया है। यह दोनों देशों के नागरिकों को किसी भी दिशा में यात्रा करने की अनुमति देता है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण 25 मार्च को यात्री हवाई सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद घरेलू उड़ान सेवाएं 25 मई से फिर से शुरू हो गई थी।
डीजीसीए ने कहा है कि यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो ऑपरेशन और विशेष अनुमति वाली उड़ानों पर लागू नहीं होगा। भारत ने 18 देशों के साथ एयर बबल अनुबंध किया है। इसके तहत प्रत्येक देश की एयरलाइंस को प्रत्येक सप्ताह एक निश्चित संख्या में भारत के लिए उड़ाने संचालित करने की अनुमति दी जाती है। इसी प्रकार भारतीय एयरलाइंस को इन 18 देशों के शहरों के लिए उड़ान भरने का अधिकार दिया गया है।
इसके अलावा वंदे भारत मिशन के तहत देशवासियों को वापस लाने का कार्यक्रम भी निरंतर जारी है। 27 अक्टूबर तक वंदे भारत मिशन के तहत 20 लाख से अधिक भारतीयों को घर वापस लाया गया है। अमेरिका और अन्य यूरोपियन देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेज होने के कारण भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।