नई दिल्ली। घरेलू एयरलाइंस को अब संभवत: 18 साल तक पुराने विमानों के आयात की अनुमति होगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए इस बारे में नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया है। अभी स्थानीय विमानन कंपनियों को 15 साल से अधिक पुराने के विमानों के आयात की अनुमति नहीं है। इस मकसद से डीजीसीए ने विमान आयात के संदर्भ में दो दशक से अधिक पुराने नियामकीय ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव किया है। विमान आयात नियमों में ढील का प्रस्ताव ऐसे समय आया है जबकि सरकार नई विमानन नीति अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। यह नीति क्षेत्रीय विमान संपर्क में सुधार पर केंद्रित होगी।
नियामक ने प्रस्ताव किया है कि आयात किए जाने वाले प्रेशराइज्ड विमान 18 साल से कम उम्र के हों या फिर 50 प्रतिशत परिचालन चक्र के हों। प्रेशराइज्ड विमान ऐसे विमान हैं तो 10,000 फुट से अधिक की उंचाई पर केबिन दबाव झेल सकते हैं। अनप्रेशराइज्ड विमानों के संदर्भ में आयात की अनुमति देने या न देने का फैसला मामला दर मामला आधार पर लिया जाएगा। इससे पहले आयात किए जाने वाले विमान के पूरे रिकार्ड की जांच की जाएगी। आमतौर पर नियामक 20 साल से अधिक पुराने अनप्रेशराइज्ड विमानों के आयात की अनुमति नहीं देता।
डीजीसीए ने कहा कि हवाई कार्गो परिचालन के लिए आयात किए जाने वाले विमानों 25 साल से कम उम्र के होने चाहिए या 75 प्रतिशत डिजाइन आर्थिक चक्र या 45,000 लैंडिंग चक्र से कम के होने चाहिए। आयात किए जाने वाले विमानों की उम्र के संदर्भ में नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) में बदलाव का सुझाव दिया गया है। इससे पहले सीएआर 1993 में जारी किया गया था।