नई दिल्ली। नवंबर की अंतिम तारीख के साथ ही कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ-साथ बैंक कर्मचारी भी नकदी की कमी के कारण तनाव में हैं। एक तरफ ज्यादातर एटीएम में पैसे नहीं हैं तो दूसरी तरफ बैंकों में नकदी की समस्या है। अंग्रेजी दैनिक इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार यह समस्या तब भी है जब RBI ने पिछले हफ्ते के मुकाबले बैंकों को चार गुनी ज्यादा नकदी की आपूर्ति कर रहा है। आज यानी गुरुवार से नकदी की समस्या सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें : शुक्रवार के बाद पेट्रोल पंप पर नहीं चलेगा 500 रुपए का पुराना नोट, जारी हुआ नया आदेश
तीन पालियों में चल रही है नोटों की छपाई
- बुधवार को तो ज्यादातर बैंकों के पैसे दोपहर से पहले ही समाप्त हो चुके थे।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 500 के नोट की प्रिंटिंग में इजाफा किया है।
- सूत्रों की मानें तो मैसूर और सल्बोनी के अलावा नासिक और देवास के करेंसी प्रिटिंग प्रेस में अब तीन पालियों में नोटोंं की छपाई चल रही है।
तस्वीरों में देखिए कैसे करवाएं अपने PAN CARD में करेक्शन
how to do corrections in your pan card1
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
वेतन और पेंशन के लिए अतिरिक्त पैसे शाखाओं में भेज रहे हैं बैंक
- सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैंकों में नकदी की आपूर्ति निश्चित रूप से सुधरेगी।
- 500-500 के नोटों की आपूर्ति हवाई मार्ग से की जा रही है।
- शुरुआत में कुछ दबाव रह सकता है लेकिन कुछ दिनों में यह सामान्य हो जाएगा।
- बैंकों की बात करें तो वे ज्यादा पैसे उन शाखाओं को उपलब्ध करा रहे हैं जहां सैलरी अकाउंट ज्यादा हैं।
निजी बैंक मोबाइल डिवाइस से सैलरी के पैसे बांटने की कर रहे हैं व्यवस्था
- निजी क्षेत्र के जिन बैंकों में कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट हैं, वे मोबाइल डिवाइस के जरिए पैसे बांटने की व्यवस्था कर रहे हैं।
- एक बैंक अधिकारी के अनुसार, कई वर्षों से लोग एटीएम से अपना वेतन विड्रॉ किया करते थे।
- वेतन की मांग को देखते हुए एटीएम में 2000 के नोट भरे गए हैं।
यह भी पढ़ें : नोटबंदी का असर: महज 7 दिन में 1500 रुपए सस्ता हुआ सोना, चांदी के दाम 2165 रुपए गिरे
जरूरत थी 125 करोड़़ की और बैंक को मिले सिर्फ 5 करोड़
- इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को ज्यादातर बैंक नकदी के अभाव में सूने रहे।
- छोटे बैंकों की शाखाओं को तो नकदी मिली ही नहीं जबकि बड़े बैंकों को जरूरत का सिर्फ एक-चौथाई ही करेंसी चेस्ट से मिले।
- एक जाने-माने बड़े निजी बैंक को मंगलवार को दिल्ली में सिर्फ 5 करोड़ रुपए ही मिले जबकि जरूरत 125 करोड़ रुपए की थी।
- मुंबई में कई बैंकों की शाखाओं के शटर आधे बंद रहे जो इस बात का संकेत दे रहे थे कि उनके पास नकदी नहीं है।
रडार पर हैं बड़े ग्राहकों की सेवा में लगे बैंक
- सूत्रों की मानें तो ऐसी खबरें हैं कि निजी बैंकों की नकदी से बड़े ग्राहकों की सेवा की जा रही है।
- निजी क्षेत्र के दो बैंक इस मामले में रडार पर हैं।
- इकॉनोमिक टाइम्स ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि इनमें से एक बैंक ने निश्चित रूप से नियमों को तोड़ा है।
- स्पष्ट है कि बड़े ग्राहकों की ऐसी सेवा करने के बाद आम जनता के लिए नकदी की कमी होनी ही है।