नयी दिल्ली। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान खपत मांग में कमी का टीवी विज्ञापनदाताओं पर कोई असर नहीं दिखा और इस साल अप्रैल एवं मई में टीवी विज्ञापनों की संख्या बढ़ने के साथ यह आंकड़ा महामारी पूर्व के वर्षों के लगभग बराबर रहा। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी की गयी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। रिपोर्ट के अनुसार एक साल पहले की अवधि से तुलना करने पर टेलीवजन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों की संख्या में 65 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई। हालांकि, अप्रैल 2021 की तुलना में इस साल मई में विज्ञापनों की संख्या में कमी दर्ज की गयी।
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नीति नियंता महामारी की दूसरी लहर की वजह से खपत मांग में लगी सेंध से उबरने की मशक्कत कर रहे हैं जिससे कोविड-19 की पहली लहर के उलट देश के ग्रामीण हिस्से भी प्रभावित हुए। कहा जा रहा है कि दूसरी लहर अपने चरम को पार कर चुकी है और संक्रमण में आयी कमी के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। बार्क में ग्राहक भागीदारी और राजस्व कामकाज के प्रमुख आदित्य पाठक ने कहा, "यह साल टीवी विज्ञापनों की संख्या के लिहाज से मजबूत नोट पर शुरू हुआ। मौजूदा महामारी की वजह से अप्रैल 2021 की तुलना में मई 2021 में विज्ञापनों की संख्या में मामूली कमी हुई लेकिन मई 2020 की तुलना में इसमें 64 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि भी दर्ज की गयी।" उन्होंने कहा, "वे (टीवी विज्ञापन) पूर्ववर्ती वर्षों के बराबर बने रहे।"
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अप्रैल-मई 2021 के आंकड़े को मिलाया जाए तो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में विज्ञापनों की संख्या में 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी, लेकिन केवल मई 2021 की मई 2020 से तुलना करे तो यह वृद्धि 64 प्रतिशत रह जाती है। इस साल अप्रैल और मई के दौरान विज्ञापनों की संख्या की यदि 2018 और 2019 से तुलना की जाये तो मामूली अधिक रही। कोरोना महामारी की शुरुआत मार्च 2020 से हुई थी। हालांकि मई के आंकड़ों की यदि महामारी से पहले के आंकड़ो से तुलना की जाये तो यह मामूली कम रही है।