देश में कोरोना के गहराते कहर के बावजूद इस सप्ताह शेयर बाजार में बहार देखने को मिली। मजबूत वैश्विक संकेतों से लौटी जोरदार लिवाली से घरेलू शेयर बाजार झूम गया और प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स वापस 50,000 के ऊपर बंद हुआ। निफ्टी ने भी बीते सप्ताह के मुकाबले करीब ढाई फीसदी की छलांग लगाई। होली और गुड फ्राइडे के अवकाश के कारण इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में सिर्फ तीन दिन कारोबार हुआ जिनमें एक दिन मुनाफावसूली के दबाव में दलाल स्ट्रीट पर मायूसी दिखी बाकी दो दिन घरेलू शेयर बाजार मजबूत लिवाली रही। नये वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दिन शेयर बाजार गुलजार रहा।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सप्ताह के आखिरी सत्र में गुरुवार को बीते सप्ताह से 1,021.33 अंकों यानी 2.08 फीसदी की तेजी के साथ 50,029.83 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सप्ताह के मुकाबले 360.05 अंकों यानी 2.48 फीसदी की तेजी के साथ 14,867.35 पर बंद हुआ।
बीएसई मिड-कैप सूचकांक बीते सप्ताह से 546.03 अंकों यानी 2.73 फीसदी की तेजी के साथ 20,516.40 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप सूचकांक बीते सप्ताह से 792.73 अंकों यानी 3.91 फीसदी की छलांग लगाकर 21,071.69 पर ठहरा। कारोबरी सप्ताह के आरंभ में सोमवार को होली का अवकाश होने के कारण देश का शेयर बाजार बंद रहा। अगले दिन मंगलवार को आईटी, धातु समेत तमाम सेक्टरों में जबरदस्त लिवाली रहने से सेंसेक्स बीते सत्र से 1128.08 अंकों यानी 2.30 फीसदी की तेजी के साथ 50,136.58 पर बंद हुआ और निफ्टी भी बीते सत्र से 337.80 अंकों यानी 2.33 फीसदी की तेजी के साथ 14,845.10 पर ठहरा।
हालांकि अगले दिन बुधवार को मुनाफावसूली हावी होने के कारण बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स बीते सत्र से 627.43 अंकों यानी 1.25 फीसदी टूटकर 49,509.15 पर बंद हुआ और निफ्टी भी बीते सत्र से 154.40 अंकों यानी 1.04 फीसदी लुढ़ककर 14,690.70 पर ठहरा।
नये वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दिन गुरुवार को मजबूत वैश्विक संकेतों से घरेलू शेयर बाजार में फिर लिवाली लौटी और सेंसेक्स बीते सत्र से 520.68 अंकों यानी 1.05 फीसदी की तेजी के साथ 50,029.83 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी बीते सत्र से 176.65 अंकों यानी 1.20 फीसदी की तेजी के साथ 14,867.35 पर बंद हुआ। अमेरिका में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दो लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च करने के एलान के बाद वैश्विक शेयर बाजार में उछाल आई जिससे संकेत पाकर भारतीय शेयर बाजार में भी तेजी का रुझान बना रहा। वहीं, जीएसटी संग्रह में इजाफा होने से भी घरेलू शेयर बाजार की तेजी को सपोर्ट मिला।
देश में वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी संग्रह बीते वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में रिकॉर्ड स्तर 1,23,902 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।