नई दिल्ली। टेलीकॉम डिपार्टमेंट मध्य जुलाई के आस-पास स्पेक्ट्रम की वाणिज्यिक नीलामी शुरू करने की योजना बना रहा है। इसे अब तक की सबसे बड़ी नीलामी बताया जा रहा है। आधिकारिक सूत्र ने कहा, नीलामी समय पर की जाएगी। दूरसंचार आयोग की 29 मार्च को बैठक हो रही है। दूरसंचार विभाग मई के मध्य तक स्पेक्ट्रम मूल्य पर मंत्रिमंडल की मंजूरी दे सकता है और जून में नीलामी का नोटिस जारी किए जाने की उम्मीद है। विभिन्न प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी 15 जुलाई के आसपास शुरू हो सकती है।
सरकारी खजाने में आएंगे चार लाख करोड़ रुपए
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए एक योजना का सुझाव दिया है। उम्मीद है कि यह इस साल जुलाई में होगी जिससे 5.36 लाख करोड़ रुपए आने की संभावना है। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 2014-15 में 2.54 लाख करोड़ रुपए की आय हुई थी। ट्राई ने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 11,485 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज के न्यूनतम मूल्य का सुझाव दिया था जो रिकार्ड मूल्य है। यदि इस बैंड के तहत उपलब्ध स्पेक्ट्रम ट्राई की सिफारिश वाले मूल्य पर बिक जाते हैं तो सरकारी खजाने में चार लाख करोड़ रुपए आएंगे।
3G सर्विस की कम होगी कीमत
अधिकारी ने कहा कि ट्राई की सिफारिश पर कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत है जिसके लिए इसे वापस नियामक के पास भेजने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा, ट्राई आम तौर पर 15 दिन में जवाब देता है। इससे पहले भी जवाब जा सकता है। जो प्रक्रियाएं इसमें शामिल होती हैं उसके मुताबिक दूरसंचार विभाग जुलाई में नीलामी कर सकती है। ट्राई के दस्तावेज के मुताबिक 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध मोबाइल सेवा आपूर्ति की लागत 21,000 मेगाहर्ट्ज के मुकाबले करीब 70 फीसदी कम है जिसका आम तौर पर 3जी सेवा के लिए उपयोग होता है।