नई दिल्ली। 500 और 1,000 रुपए के नोटों को मंगलवार मध्यरात्रि से अवैध घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को हो सकती है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में केविएट दायर कर दिया है।
- केंद्र सरकार के इस फैसले को उत्तर प्रदेश के एक वकील ने चुनौती दी है।
- 500 और 1,000 रुपए के नोटों के विमुद्रीकरण के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका अधिवक्ता संगम लाल पांडे ने दायर की है।
- उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरिमन और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष यह याचिका दी गई है।
- याचिका में कहा गया है कि लाखों लोग नोटों को बदल न पाने के कारण निजी अस्पताल में इलाज नहीं करा पा रहे हैं या दवाइयां नहीं खरीद पा रहे हैं।
- पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया है कि 15 नवंबर को याचिका पर सुनवाई अदालत की रजिस्ट्री द्वारा सूचीबद्ध की गई याचिकाओं की संख्या पर निर्भर करेगी।
- सरकारी अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम ने पीठ को बताया कि उन्हें भी याचिका की एक प्रति दी जाए, क्योंकि केंद्र ने इस मामले में केविएट दायर किया है।
- केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा 500 और 1,000 रुपए के नोट वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए।