नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1,000 रुपए की मुद्रा को चलन से हटाने के फैसले का मध्यम अवधि में सकारात्मक प्रभाव होगा। एडीबी का प्रमुख आर्थिक प्रकाशन एशियाई विकास परिदृश्य में कहा गया है, नोटबंदी का मध्यम अवधि में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। नोटबंदी के साथ वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के साथ कर का दायरा बढ़ेगा और कर अनुपालन में सुधार होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, इससे ज्यादा-से-ज्यादा लोगों के अपनी बचत को बैंकों में जमा करने से बैंकों के पास सस्ती दर पर कर्ज देने के लिए अधिक धन होगा। सकल कम जमा लागत से बैंक के लाभ में वृद्धि होनी चाहिए और आगे उनकी रिण क्षमता बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर को सरकार ने 500 और 1,000 रुपए के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया।
रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि बड़ी राशि की मुद्रा को चलन से हटाने का मकसद भ्रष्टाचार, नकली नोट और आतंकवाद को वित्त पोषण पर लगाम लगाना है। इसके अनुसार, इस निर्णय से पूर्व में भ्रष्टचार के खिलाफ किए गए उपायों को बल मिला है जिसमें कालधन की घोषणा के लिए प्रोत्साहन हेतु कर प्रोत्साहन, बैंक सूचना साझा करने के लिये अन्य देशों के साथ समझौता तथा दोहरा कराधान से बचाव के लिए संधियों पर फिर से बातचीत शामिल हैं।
एडीबी ने कहा कि निर्णय का मकसद देश में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना, कर अनुपालन में सुधार तथा अतिरिक्त बचत को बैंकों में लाना भी है ताकि उसका सही उपयोग हो सके। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नये नोटों को चलन में आने से स्थिति में तेजी से सुधार की उम्मीद है।