चेन्नई। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री सी रंगराजन ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के सरकार के निर्णय को कालाधन खत्म करने का एक मानक नुस्खा बताते हुए कहा कि पहले भी इसको आजमाया गया है पर इस दिशा में आगे और कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि कालेधन को रोकने के लिए भविष्य में और भी कदम उठाने होंगे।
पिछली सरकार में प्रधानमंत्री की अर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन रहे रंगराजन ने कहा कि
इस नुस्खे को पहले भी इस्तेमाल किया गया था पर इस सरकार ने इस बार तीन लक्ष्य रखें हैं। इस बार निशाने पर एक तो वे हैं जिन्होंने बेहिसाब पैसा दबा रखा है, दूसरे जो जाली नोट चलाते हैं, तीसरे आतंकवादियों के लिए धन पहुंचाने वाले हैं। दूसरे और तीसरे नंबर वाले अलग तरह के हैं। पर जहां तक कालेधन पर निशाने का सवाल है तो यह एक अच्छा कदम है।
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- मौजूदा सरकार ने काले धन पर जो कदम उठाए हैं वे नोटों के रूप में दबाए गए काले धन से सनिपटने के लिए है।
- यह सोने और अचल सम्पत्तियों के रूप में जमा कालेधन से निपटने वाला कदम नहीं है।
- साथ ही इसमें भविष्य में कालेधन के रूप में नोट जमा करने पर रोक का कोई प्रबंध नहीं है।
- इसलिए आगे और भी कदम उठाने होंगे।