मनीला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाने (नोटबंदी) के साथ साथ अन्य सुधार उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को औपचारिक तंत्र के दायरे में लाने में मदद मिली है। आसियान व्यावसायिक मंच को संबोधित करते हुये मोदी ने देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बारे में भी बताया। इसके अलावा दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया जैसे उपायों का भी उन्होंने उल्लेख किया। इसके साथ ही वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिये सभी तरह के वित्तीय लेनदेन को आधार से जोड़ने का भी उन्होंने उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
हम अपने विशिष्ट पहचान संख्या को अपने वित्तीय लेनदेन और कराधान के क्षेत्र में इस्तेमाल में ला रहे हैं और इसका परिणाम दिखने लगा है। इन कदमों के साथ साथ उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाने के परिणामस्वरूप हमारी अर्थव्यवसथा के बड़े हिस्से को औपचारिक तंत्र में लाने में मदद मिली है।
नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने नोटबंदी को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उनका आरोप है कि नोटबंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है।
मोदी ने अपने संबोधन में पिछले तीन साल के दौरान उनकी सरकार द्वारा 1,200 पुराने पड़ चुके कानूनों को समाप्त करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान निवेशकों के लिये भारत में निवेश करने की प्रक्रिया को काफी आसान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के चलते आसियान क्षेत्र भारत की गतिविधियों के केन्द्र में आ गया है।
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