नई दिल्ली। नोटबंदी की घोषणा के समय देशभर में सैलरी की बढ़ोतरी को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी वह आशंका सच साबित नहीं हुई है। एक सर्वेक्षण के अनुसार नोटबंदी का असर इस साल की वेतनवृद्धि पर नहीं पड़ा और कंपनियों ने अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए उनके वेतन में 20 प्रतिशत तक वृद्धि की है।
अंतल इंटरनेशनल नेटवर्क इंडिया ने अपने एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला है। उल्लेखनीय है कि नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद से इसका नकारात्मक असर नियुक्तियों व रोजगार बाजार पर पड़ने की आशंका जताई जा रही थी। सर्वेक्षण के अनुसार 2017 के आरंभ में रोजगार बाजार की शुरुआत काफी कमजोर रही हालांकि बाद में इसने जोर पकड़ लिया।
सर्वेक्षण के अनुसार 85 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा है कि तमाम अटकलों के बावजूद नोटबंदी का असर इस साल की वेतन वृद्धि पर नहीं पड़ा। इसके अनुसार लाजिस्टिक्स व अभियंत्रिकी क्षेत्रों में वित्तीय पेशेवरों को सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की पेशकश की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके तहत 500 और 1000 रुपए की पुरानी करेंसी को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया था।