नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर पहले चरण का काम अगले महीने से शुरू हो जाएगा और यह करीब ढाई वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। यह परियोजना 8.716 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है और पूरी तरह से दिल्ली शहर में है। इस पर 841.50 करोड़ रुपए की कुल लागत आएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और परियोजना का निर्माण करने वाली कंपनी वेल्सपन ने इस परियोजना के लिए वित्त पोषण समापन की बात कही, यानी इस परियोजना के लिए वित्त की व्यवस्था हो गई है। कुल लागत का जहां 40 प्रतिशत प्राधिकरण देगा, वहीं वेल्सपन ने तीन बैंकों पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 400 करोड़ रुपए ऋण लेने की बात कही।
841.50 करोड़ रुपए की कुल लागत की परियोजना का 40 फीसदी वित्तपोषण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत एनएचएआई (एएए रेटेड संस्थान) के द्वारा किया जाएगा। शेष 60 फीसदी की व्यवस्था 48:12 के ऋण/ इक्विटी मिश्रण द्वारा की जाएगी, 12 फीसदी योगदान प्रमोटरों का होगा और शेष वित्तपोषण पंजाब नेशनल बैंक के नेतृत्व में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कंसोर्टियम द्वारा किया जाएगा। यह पैकेज निजामुद्दीन से दिल्ली यूपी गेट के बीच बनेगा। प्राधिकरण के चेयरमैन राघव चन्द्रा ने कहा, “बुनियादी संरचनाओं पर व्यय बढ़ रहा है, ऐसे में हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल राजमार्ग परियोजनाओं में तेजी लाने और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को पुनर्जीवित करने का अच्छा मौका है। यह न केवल दोनों राज्यों के बीच यातायात प्रवाह में सुधार लाएगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगा। यह निश्चित रूप से ऐतिहासिक मौका है, क्योंकि वेल्पसन वित्तपोषण के पहले पैकेज को हासिल कर लेने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर देगा।”
वेल्पसन एंटरप्राइजेज के प्रबन्ध निदेशक संदीप गर्ग ने कहा, “हमें खुशी है कि हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत देश की पहली एक्सप्रेसवे परियोजना का कार्य शुरू करने जा रहे हैं। यह राजमार्ग यातायात के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करेगा तथा पड़ोसी नगरों को आपस में जोड़कर परिवहन को सुगम बनाएगा।” परियोजना का विकास 2.5 सालों में किया जाएगा और इसके बाद वेल्पसन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे प्रा. लिमिटेड के द्वारा 15 सालों की रखरखाव अवधि होगी। परियोजना 8.716 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है और पूरी तरह से दिल्ली शहर में है। इसमें बीचों-बीच एक छह-लेन का एक्सप्रेसवे शामिल है, जिसके दोनों ओर चार-लेन के राजमार्ग हैं, इस तरह ये कुल 14 लेन का एक्सप्रेसवे होगा। पूरी तरह से शुरू हो जाने के बाद 96 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रियों के परिवहन को सुगम एवं सुरक्षित बनाएगा।