नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने संकट में फंसी रीयल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लि. को एस्क्रो खाता खोलने का निर्देश दिया है। इस पैसे का इस्तेमाल देरी से चल रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने और खरीदारों को उनके मकान का कब्जा देने के लिए किया जाएगा। कंपनी से कहा गया है कि वह इन खातों में जमा धन का इस्तेमाल सिर्फ इन परियोजनाओं के लिए करे। हाई कोर्ट ने यह आदेश पिछले सप्ताह दिया। कई फ्लैट खरीदारों और कंपनी ने अदालत के समक्ष समझौते की योजना का प्रस्ताव किया। इससे कंपनी को इन परियोजनाओं को पूरा करने और फ्लैटों का आवंटन करने का मौका मिलेगा।
कंपनी ने अदालत को बताया कि वह एस्क्रो खाता खोलेगी। इस खाते में खरीदारों और जमीन की बिक्री से प्राप्त पैसा रखा जाएगा। इस पैसे का इस्तेमाल देरी से चल रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। अदालत ने यूनिटेक लि. के खिलाफ विभिन्न मंचों में लंबित प्रक्रियाओं को स्थगित करने का फैसला किया है जिससे कंपनी घर खरीदारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी कर पाए और उन्हें फ्लैट के कब्जे दे सके। एस्क्रो खाते की निगरानी के लिए कोर्ट आयुक्त की नियुक्ति की गई है।
न्यायमूर्ति (उस समय से सेवानिवृत्त) एस के मिश्रा ने कहा, मैंने विस्तार से योजना की समीक्षा की और साथ ही कंपनी द्वारा दायर हलफनामे को देखा है। इससे स्पष्ट होता है कि कुछ घर खरीदारों द्वारा दायर याचिका कंपनी के हितों को भी पूरा करती है। कंपनी निश्चित रूप से गंभीर वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रही है जिसमें इसको परिसमाप्त भी किया जा सकता है। अदालत का मत है कि परियोजनाओं को पूरा करने में कंपनी की ओर भारी कमियां रहीं, लेकिन यदि कंपनी को प्रस्तावित योजना के समझौते और व्यवस्था को पूरा करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो इससे इसकी अपनी पूरी सम्पत्ति समाप्त हो सकता है और उसकी विश्वसनीयता घट सकती है।
अदालत ने कहा कि इस चरण में कंपनी के परिसमापन के आदेश से किसी अंशधारक का हित पूरा नहीं होगा। कंपनी ने अदालत से प्रस्ताव किया कि एस्क्रो खाता खोला जाए जिसमें जमीन की बिक्री से हासिल धन डाला जाए। इस पैसे का इस्तेमाल अटकी परियोजनाओं और कंपनी की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाए। अदालत ने कहा कि एस्क्रो खाते के लिए दस्तखत करने वालों में खरीदारों का एक अधिकृत प्रतिनिधि भी होगा। इस कोष का इस्तेमाल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।