Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. जुर्माने के खिलाफ पेपाल की याचिका पर कोर्ट ने वित्तीय खुफिया इकाई से जवाब मांगा

जुर्माने के खिलाफ पेपाल की याचिका पर कोर्ट ने वित्तीय खुफिया इकाई से जवाब मांगा

याचिका में मनी लांड्रिंग कानून के कथित उल्लंघन के लिए लगाए गए 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने एफआईयू के 17 दिसंबर, 2020 के उस आदेश पर इस शर्त के साथ रोक लगा दी है कि पेपाल अपने सभी लेनदेन के रिकॉर्ड को एक सुरक्षित सर्वर में संभाल कर रखेगी और बैंक गारंटी भरेगी

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: January 12, 2021 22:21 IST
याचिका पर दिल्ली उच्च...- India TV Paisa
Photo:PAYPAL

याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अमेरिकी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे पेपाल की याचिका पर वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) से जवाब तलब किया। याचिका में मनी लांड्रिंग कानून के कथित उल्लंघन के लिए लगाए गए 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने एफआईयू के 17 दिसंबर, 2020 के उस आदेश पर भी इस शर्त के साथ रोक लगा दी है कि पेपाल अपने सभी लेनदेन के रिकॉर्ड को एक सुरक्षित सर्वर में संभाल कर रखेगी और दो सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में 96 लाख रुपये की बैंक गारंटी भरेगी। न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने एफआईयू को नोटिस जारी किया और 26 फरवरी तक पेपाल की याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा। अदालत ने पेपाल इंडिया के प्रबंध निदेशक को यह भी निर्देश दिया कि वह हलफनामा दे कि अगर कंपनी इस मुकदमे को नहीं जीती तो वह तो वह जांच एजेंसी को मांगी गयी सभी जरूरी सूचनाएं उपलब्ध कराएगी।

अदालत ने बैंकिंग सेवा बाजार विनियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी इस मामले में एक पक्ष बनाया है। अदालत ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय से एक समिति गठित करने के लिए कहा, जो यह नीतिगत निर्णय लेगी कि क्या लेन-देन को सुगम बनाने वाली पेपाल जैसी कंपनियों को भुगतान प्रणाली परिचालक के रूप में विचार किया जा सकता है और मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत क्या इस तरह की इकाइयों को एक रिपोर्टिंग एजेंसी भी माना जा सकता है। अदालत ने कहा कि उच्च स्तर पर स्पष्ट नीतिगत निर्णय करना है क्योंकि यह अपनी तरह का पहला मामला है और इस समय लिया गया निर्णय भविष्य में स्थापित होने वाले इस प्रकार के कारोबार को प्रभावित करेगा। एफआईयू ने 17 दिसंबर, 2020 को कंपनी को 45 दिनों के भीतर जुर्माना देने और स्वयं को इकाई के पास रिपोर्टिंग एजेंसी के रूप में पंजीकृत कराने को कहा। साथ ही आदेश प्राप्त होने के एक पखवाड़े के भीतर प्रधान अधिकारी और संचार निदेशक नियुक्त करने को कहा। पेपाल का दावा है कि वह केवल पंजीकृत बैंक के बीच वित्तीय लेन-देन को सुगम बनाने वाली इकाई है और सुविधा शुल्क के रूप में छोटी सी राशि लेती है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement