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दिल्ली सरकार ने 46,600 करोड़ रुपए का बजट किया पेश, कपड़े, जूते होंगे सस्ते, कोई नया टैक्स नहीं

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने विधानसभा में 46,600 करोड़ रुपए का बजट पेश किया और वैट ढांचे को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया।

Dharmender Chaudhary
Updated on: March 29, 2016 9:25 IST
No New Taxes: दिल्ली सरकार ने 46600 करोड़ रुपए का बजट किया पेश, कपड़े और जूते होंगे सस्ते- India TV Paisa
No New Taxes: दिल्ली सरकार ने 46600 करोड़ रुपए का बजट किया पेश, कपड़े और जूते होंगे सस्ते

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने विधानसभा में 46,600 करोड़ रुपए का बजट पेश किया और वैट ढांचे को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया। इससे दिल्ली में रेडिमेड कपड़े, जूते, घड़ी तथा इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन सस्ते हो सकते हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अपने बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2016-17 के लिए 46,600 करोड़ रुपए का बजट पेश किया जिसमें योजना व्यय 20,600 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। उम्मीद के अनुरूप कुल आबंटन में शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्रों को अच्छी हिस्सेदारी दी गई है।

तंबाकू उत्पाद होंगे महंगे, अनधिकृत बस्तियों को मिलेगा पानी

सरकार ने अपनी बजट में गुटखा और बीड़ी सहित सभी तंबाकू उत्पादों पर समान 20 फीसदी वैट लगाने का फैसला लिया है, इससे तंबाकू उत्पादों की कीमत बढ़ेगी। बजट में दिसंबर 2017 तक सभी अधिकृत और अनधिकृत बस्तियों में पाइप के जरिए पीने का पानी उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव किया गया है। सिसोदिया ने इस संदर्भ में 676 करोड़ रुपए रखे गए हैं। शिक्षा के लिए 10,690 करोड़ रुपए दिए गए हैं जो पिछले साल के मुकाबले 8.68 फीसदी अधिक हैं इसमें से 4,645 करोड़ रुपए योजना व्यय (23 फीसदी) के लिए रखे गए हैं जो सभी मदों के मुकाबले सर्वाधिक हैं।

शिक्षा पर जोर, दिल्ली में बनेंगे 21 नए स्कूल

सिसोदिया ने कहा, 21 नई स्कूल इमारतों का निर्माण किया गया है जबकि 8,000 नए कमरे (क्लासरूम) बनाए जा रहे हैं। यह 200 स्कूलों के बुनियादी ढांचे के बराबर है। प्रत्येक क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे होंगे जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का निर्धारण किया गया है। उन्होंने कहा, सरकार पड़ोसी राज्यों के साथ करों की दरों में अंतर में कमी लाने के लिये प्रतिबद्ध है और वह पड़ोसी राज्यों के समान कर रखने का प्रयास करेगी। मिठाई, नमकीन, घड़ी, रेडिमेड कपड़ों पर पड़ोसी राज्यों में कर की दरें कम हैं जिससे दिल्ली सरकार का कर राजस्व प्रभावित होता है। हमने वैट ढांचे में इस असंतुलन को दूर करने का प्रयास किया है।

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