नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शनिवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रवर्तक और फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन के कथित दुरूपयोग से जुड़े धनशोधन मामले में 7 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हिरासत में लेकर पूछताछ की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से विशेष न्यायाधीश संदीप यादव ने उन्हें सात दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले, अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलविंदर सिंह और सुनील गोधवानी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हिरासत की अवधि सोमवार को 23 नवंबर तक बढ़ा दी थी। बता दें कि ईडी ने रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के कोष के कथित गबन के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने यह कहते हुए उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी कि काफी सूचनाएं सामने आई हैं और उनसे पूछताछ करने की जरूरत है। बहरहाल, अदालत ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि 'हिरासत में लेकर आगे पूछताछ की जरूरत नहीं है।'
एजेंसी की तरफ से पेश वकील ए आर आदित्य ने बताया कि एजेंसी ने दोनों को 14 नवम्बर को तिहाड़ जेल से हिरासत में लिया था जहां कथित घोटाले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में वे बंद हैं। केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि सिंह और गोधवानी धनशोधन के मामले में आरोपी हैं जो धनशोधन निवारण कानून की धारा तीन और चार के तहत दंडनीय है।
हाल ही में मलविंदर सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) घोटाला मामले में ये कार्रवाई की थी। रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी है। मलविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के भी पूर्व प्रमोटर हैं।