नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को अवंता ग्रुप के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी। थापर को 500 करोड़ रुपये के धन शोधन (मनी लांड्रिंग) मामले में गिरफ्तार किया गया था। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में जनता के पैसे का भारी नुकसान हुआ है, इसलिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। इस मामले को एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि आर्थिक अपराधों में गहरी साजिश होती है, जिसमें सार्वजनिक धन की भारी हानि शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जमानत का कोई आधार नहीं बनता है। आरोपी गौतम थापर की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।’’ अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उपस्थित विशेष सरकारी वकील अमित महाजन और एन के मट्टा द्वारा दी गई उन दलीलों को भी स्वीकार किया, जिसमें उन्होंने आरोपी के देश से भागने की संभावना जताई थी।