नई दिल्ली: देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के मापदंड बदले गए हैं। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। अब 1 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट और 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले सभी उद्यम, सूक्ष्म उद्यम कहलाएंगे जबकि अभी तक 25 लाख से कम इन्वेस्टमेंट वाले मैन्युफैक्चरिंग और 10 लाख से कम इन्वेस्टमेंट वाले सर्विस उद्यमों को सूक्ष्म उद्यम माना जाता था।
इसी तरह से अब 10 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट और 50 करोड़ से कम टर्नओवर वाले सभी उद्यम, लघु उद्यम के दायरे में आएंगे जबकि अभी तक 5 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट वाले मैन्युफैक्चरिंग और 2 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट वाले सर्विस उद्यमों को लघु उद्यम माना जाता था। बता दें कि पहले MSMEs के लिए सरकार ने टर्नओवर को लेकर कोई मानदंड नहीं रखा था, लेकिन अब इसे जोड़ा गया है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अब मध्यम उद्यम में उन्हें रखा गया है जिनका इन्वेस्टमेंट 20 करोड़ और टर्नओवर 100 करोड़ से कम है जबकि अभी तक 10 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट वाले मैन्युफैक्चरिंग और 5 करोड़ से कम इन्वेस्टमेंट वाले सर्विस उद्यमों को मध्यम उद्यम की श्रेणी में रखा गया है।