नयी दिल्ली। कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट देखी गयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है। खरीफ फसलों की बुवाई दक्षिण पश्चिमी मानसून की शुरुआत से आरंभ होती है। वहीं इनकी कटाई अक्टूबर के बाद चालू होती है।
मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में खरीफ की मुख्य फसल धान की अब तक 223.53 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है। पिछले साल इसी फसली वर्ष (जुलाई-जून) में यह आंकड़ा 255.48 लाख हेक्टेयर रहा था।
पिछले साल से कम फसल
इसी तरह दलहन की बुवाई समीक्षावधि में 105.14 लाख हेक्टेयर रही जो पिछले साल इस अवधि में 113.74 लाख हेक्टेयर थी। जबकि मोटे अनाज का रकबा 136.17 लाख हेक्टेयर रहा जो पिछले साल इस दौरान 145.16 लाख हेक्टेयर था। तिलहन की बुवाई में भी कमी देखी गयी है। इस मौसम अब तक 149.49 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई हुई है जो पिछले साल इसी अवधि में 157.39 लाख हेक्टेयर रही थी। नकदी फसलों में गन्ना और जूट का रकबा भी घटा है। हालांकि, कपास का रकबा ऊंचा बना हुआ है। इस दौरान 52.30 लाख हेक्टेयर में गन्ने की रोपाई हुई जो पिछले साल इसी अवधि में 55.45 लाख हेक्टेयर थी। वहीं जूट 6.83 लाख हेक्टेयर में है जो पिछले साल इस दौरान 7.19 लाख हेक्टेयर था।
बारिश में 9 फीसदी की गिरावट
खरीफ की फसलों का कुल रकबा इस दौरान 788.52 लाख हेक्टेयर रहा है जो पिछले साल इसी अवधि में 844.20 लाख हेक्टेयर था। विशेषज्ञों की नजर में मानसून आने में देरी की वजह से बुवाई गतिविधियों में देरी हुई। वहीं कुछ इलाकों में जुलाई अंत तक बारिश में नौ प्रतिशत की गिरावट आने से बुवाई तेज नहीं हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार पिछले दो महीनों में कुल मानसूनी वर्षा में नौ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। मणिपुर, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में बारिश में गिरावट दर्ज की गयी है।